पटना सहित पूरे बिहार में फिर से कोरोना संक्रमण फैलने के चलते स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती बरतने के निर्देश दिये हैं. 24 घंटे के अंदर जिले में 5224 संदिग्ध लोगों की जांच हुई, इसमें सात नये मरीज मिले हैं. सात में छह मरीज पटना जिले, जबकि एक प्रदेश के अन्य जिले का मरीज शामिल है.
दूसरी ओर बढ़ते मामलों के बावजूद लापरवाही के चलते शहर में 25 मार्च से तीन अप्रैल यानी कुल 10 दिनों में 46 नये संक्रमित मिले हैं. जिले में बीते 10 दिनों में 29 हजार 291 संदिग्ध लोगों की जांच की गयी, जिसमें 46 लोग पॉजिटिव पाये गये हैं. हालांकि इनमें आठ से अधिक लोगों ने विशेष सावधानी बरतते हुए कोविड को मात भी दी है. जिले के यात्रियों का शहर में बेरोकटोक आना-जाना जारी है. लेकिन कार्रवाई न होने से लोग लापरवाही बरत रहे हैं. कुछ लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर मास्क लगा रहे हैं. कई लोग मास्क न लगाकर स्वयं व अन्य लोगों का जीवन खतरे में डाल रहे हैं.
डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कोरोना के नये वेरिएंट को लेकर जिला प्रशासन सतर्क है. अभी ऐसी स्थिति नहीं है. प्रशासन की ओर से नजर रखी जा रही है. अगर आवश्यकता पड़ी तो 24 घंटे में कोविड सेंटर तैयार कर लिया जायेगा. जहां कोरोना से पीड़ित लोगों का इलाज होगा. उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना से डरने की आवश्यकता नहीं है. इसके नये वेरिएंट के प्रसार को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रशासन की ओर से तैयारी की जा रही है.
डीएम ने कहा कि अस्पतालों में अभी बेड निर्धारित है, जहां कोरोना पीड़ित का इलाज होगा. अस्पताल में सारी सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर निर्देश जारी किया गया है. ज्ञात हो कि कोरोना के समय में होटल पाटलिपुत्र अशोक, पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अलग से कोविड सेंटर तैयार किया गया था, जहां पीड़ितों का इलाज होता था. इसके अलावा कई स्कूलों व कॉलेजों में कोरोना टीकाकरण की व्यवस्था की गयी थी.
डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने सिविल सर्जन को सभी पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट व ऑक्सीजन से जुड़े हुए तमाम उपकरण उपस्कर को क्रियाशील अवस्था में रखने का निर्देश दिया है. कहीं भी तकनीकी गड़बड़ी होने पर सभी अस्पताल प्रबंधक व आइटीआइ टेक्निशियन के पास संबंधित एजेंसी के इंजीनियर के मोबाइल नंबर पर तुरंत सूचित करना है. इसकी सूचना जिला व राज्य स्वास्थ्य समिति को भी देना है.
डीएम ने सिविल सर्जन व जिला कार्यक्रम प्रबंधक को निर्देश दिया है कि कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व अस्पताल प्रबंधक से सुनिश्चित करायें कि पीएसए प्लांट क्रियाशील अवस्था में हैं अथवा नहीं. मेडिकल गैस पाइपलाइन को चालू अवस्था में रखा जाना है. इसके लिए उसे एक बार अपनी उपस्थिति में बेड तक जाकर देखना है. मेडिकल ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन की सुरक्षा स्पष्ट रूप से अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी.अस्पताल में कार्यरत सुरक्षा गार्ड के सेवा देनेवाली एजेंसी को इस संबंध में सूचित कर सुरक्षा व्यवस्था करने को कहा गया है.
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तारीख : जांच की संख्या : कितने मरीज मिले
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25 मार्च : 2500 : 5
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26 मार्च :1594 : 1
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27 मार्च : 3447 : 2
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28 मार्च : 3552 : 7
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29 मार्च : 3430 : 3
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30 मार्च : 3854 : 6
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31 मार्च : 2641: 4
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1 अप्रैल : 2481: 9
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2 अप्रैल : 1568 : 2
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3 अप्रैल : 5224 : 7