बिहार में 30 लाख से अधिक दीदियां बनीं लखपति, एक फीसदी ब्याज से सुधरा आर्थिक हालात
Bihar News: जीविका से जुड़ एक फीसदी ब्याज पर व्यवसाय शुरू कर बिहार की 30 लाख 21 हजार जीविका दीदियां लखपति बन गयी हैं. जिंदगी की तमाम झंझावतों को झेलकर दीदियों ने यह मुकाम हासिल किया है.
Bihar News: बिहार में 30 लाख 21 हजार जीविका दीदियां लखपति बन गयी हैं. जिंदगी की तमाम झंझावतों को झेलकर दीदियों ने यह मुकाम हासिल किया है. पति का साया सिर से उठने और बुरी लतों से तंग दीदियों ने परिवार का खर्चा उठाने का खुद से बीड़ा उठाया. शिक्षित, अशिक्षित, बेसहारा दीदियों ने जीविका की ओर रुख किया. वे जीविका से जुड़ी और एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्राप्त किया.
किसी ने 20 हजार, किसी ने 30 हजार रुपये ऋण लेकर किराना, मनिहारी, चूड़ी की दुकानें खोलीं, मवेशी पालन में भाग्य आजमाया. बहुतों ने कई धंधों में खुद को खपाया. कड़ी मेहनत के बाद जीविका दीदियों का व्यवसाय चल निकला और अब उनकी संपत्ति लाख रुपये से अधिक है.
बैंकों ने 10.26 लाख स्वयं साहायता समूहों में ऋण बांटे
राज्य के विभिन्न बैंकों ने जीविका के 10.26 लाख स्वयं साहायता समूहों में ऋण बांटे. इन समूहों को 42371.12 करोड़ से अधिक रुपये के ऋण दिये गये, बैंकों से मिले कर्ज की जीविका दीदियों ने चुकता भी कर दिया. एक फीसदी ही ऋण बकाया रहा. दीदियों ने 2233 करोड़ की बचत भी की.
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सारण में 90 हजार से अधिक दीदियां लखपति
पटना, पूर्णिया, पश्चिम चंपारण, दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, कटिहार, मधुबनी, गया और सीतामढ़ी में लखपति देदियों की तादाद सबसे अधिक है. सारण में 90 हजार से अधिक दीदियां लखपति हैं. सीवान, नालंदा, मधेपुरा, भागलपुर, अररिया में भी इसकी तादाद 80 हजार से अधिक है. नवादा, बेगूसराय, भोजपुर, औरंगाबाद, खगड़िया, गोपालगंज सहरसा, किशनगंज, रोहतास, सुपौल, जमुई और बांका में भी लखपति दीदियों की संख्या 80 हजार के पार है.