पटना. पटना समेत प्रदेश भर में कोरोना की रफ्तार पर अंकुश लग गया है. केस भी काफी कम हो गये हैं. लेकिन कोविड के मरीजों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. एक बार वायरस को मात दे चुके मरीजों पर कोरोना दोबारा हमला कर रहा है. वर्तमान में राजधानी के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में ऐसे 30 से ज्यादा मरीज भर्ती कराये जा चुके हैं.
अकेले अप्रैल व मई में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग वायरस की चपेट में आ चुके हैं. इनमें करीब 400 से अधिक ऐसे मरीज हैं जो दोबारा संक्रमित हुए हैं. हालांकि इनमें 99 प्रतिशत मरीजों ने वायरस को मात देने में कामयाबी हासिल की है.
कोरोना की दूसरी लहर बेहद घातक साबित साबित हुई है. वायरस ने दोबारा उन्हें चपेट में लिया है. डॉक्टरों का कहना है कि बहुत से संक्रमितों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी नहीं बनी. संभव है एंटीबॉडी बनी हो, लेकिन वह कुछ ही समय में गायब हो गयी. नतीजतन लोग फिर से वायरस की चपेट में आ गये. डॉक्टरों का कहना है कि खास बात यह है कि पहले संक्रमित हो चुके मरीजों पर दोबारा वायरस अधिक हमलावर नहीं हुआ. ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो गये.
पटना समेत पूरे बिहार में कोरोना संक्रमण का प्रभाव दिनों दिन कम होता जा रहा है. शुक्रवार को जिले में 50 से भी कम कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की गयी. 24 घंटे के अंदर जिले में सिर्फ 45 मरीज ही कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. अप्रैल, मई से लेकर अब तक यह सबसे कम आंकड़ा दर्ज किया गया है.
एक दिन पूर्व जिले में 63 नये कोरोना संक्रमित मिले थे. जबकि कोरोना का संक्रमण दर में जहां गिरावट दर्ज की गयी. वहीं, दूसरी ओर स्वस्थ होने की दर 98 फीसदी के करीब पहुंच गयी है. जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 733 है, जबकि 99 मरीजों ने 24 घंटे के अंदर कोरोना को मात दी है.
सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने कहा कि कोरोना का केस कम जरूर हो गया है, लेकिन एक्टिव मरीज व नये मरीजों के मिलने का क्रम जारी है. ऐसे में लोगों से अपील है कि यदि परिवार में कोई सदस्य बीमार है तो उसकी जानकारी छिपाएं नहीं. अपने नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर पहुंचकर डाक्टर को बताएं. जांच कराएं और उपचार दिलाएं. छिपाने से संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है.
Posted by Ashish Jha