बिहार में 600 से ज्यादा फर्जी सिम कार्ड आए सामने, 400 से अधिक पर FIR, हाईकोर्ट में EOU दायर करेगी हलफनामा

बिहार में 600 से ज्यादा फर्जी सिम कार्ड सामने आए है. इओयू इस मामले में सभी जिलों से आंकड़े एकत्र करके समेकित रिपोर्ट तैयार कर रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 1, 2022 8:40 AM

बिहार में फर्जी सिम कार्ड उपयोग करने वालों पर व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गयी है. अब तक की जांच में इस मामले में 600 से ज्यादा फर्जी सिम कार्डधारक सामने आये हैं. इओयू (आर्थिक अपराध इकाई) इस मामले में सभी जिलों से आंकड़े एकत्र करके समेकित रिपोर्ट तैयार कर रही है. जुलाई में पटना हाइकोर्ट में इस मुद्दे पर राज्य सरकार की तरफ से इओयू को जवाबी हलफनामा दायर करना है.

स्पेशल टास्क फोर्स ने कर रही मामले की जांच

फर्जी सिम कार्ड के मामले की जांच जिलों के अलावा एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के स्तर से भी की जा रही है. अब तक की जांच में सबसे ज्यादा फर्जी सिम से जुड़े मामले पटना जिले में सामने आये हैं. यहां करीब 325 मामले सामने आ चुके हैं. शहर के पाटलिपुत्र थाने में दर्ज सिर्फ एक एफआइआर में 292 फर्जी सिम कार्डधारकों के नाम दर्ज हैं. इन सभी पर मामला दर्ज कर जांच की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.

सबसे ज्यादा फर्जी सिम के मामले पटना में

फर्जी सिम मामले में अब तक करीब 400 मामले दर्ज हो चुके हैं. इनमें पटना के अलावा रोहतास में 29, नवादा में 30, मुजफ्फरपुर में 25 और मधुबनी में 35 एफआइआर दर्ज की गयी है. शेष जिलों में भी एफआइआर दर्ज हुई हैं. फिलहाल सभी जिलों में दर्ज मामलों की समेकित रिपोर्ट मंगवायी जा रही है. इसके बाद इसकी रिपोर्ट तैयार कर पूरी जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत की जायेगी. फिलहाल 600 से ज्यादा फर्जी सिम कार्ड से जुड़ी यह रिपोर्ट संबंधित मोबाइल कंपनियों से प्राप्त ग्राहक डाटाबेस के आधार पर तैयार की गयी है.

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हाइकोर्ट ने दिया था जांच का आदेश

राज्य में फर्जी सिम कार्ड मामले को लेकर पटना हाइकोर्ट में एक लोकहित याचिका कुछ दिन पहले दायर की गयी थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने पुलिस महकमे को पूरे मामले की जांच कर फर्जी सिम कार्डधारकों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसे लेकर पूरे राज्य में फर्जी सिम कार्डधारकों की व्यापक स्तर पर जांच चल रही है. अब तक हुई जांच में यह बात सामने आयी है कि फर्जी सिम कार्ड का उपयोग करने वालों की फेहरिस्त में आम लोग से लेकर अपराधी और नक्सली तक शामिल हैं.

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