भागलपुर की बेटी शुभकामिनी की बनायी मोजेक आर्ट से निखार जायेगा दरभंगा एयरपोर्ट
भागलपुर की बेटी शुभकामिनी की बनायी मोजेक आर्ट से दरभंगा एयरपोर्ट को निखारा जायेगा. जल्द ही दरभंगा एयरपोर्ट पर मोजेक आर्ट की विभिन्न कलाकृति दिखायी देगी. इसके लिए दरभंगा एयरपोर्ट प्रबंधन के साथ शुभकामिनी का समझौता हुआ है.
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार 19 मई को दरभंगा जा रहे हैं. मुख्यमंत्री वहां जल संसाधन विभाग की ओर से पूरी की गयी विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया है कि बांध के स्लोप भाग में लगभग 2 किमी लंबाई में पेभर ब्लाक पिचिंग कार्य और एयरपोर्ट के मुख्य द्वार की तरफ बांध के स्लोप भाग में मिथिला आर्ट से सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है. हमें बताते हुए खुशी हो रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल जल संसाधन विभाग की इस महत्वपूर्ण योजना का लोकार्पण करेंगे. भागलपुर की बेटी शुभकामिनी की बनायी मोजेक आर्ट की विभिन्न कलाकृति अब दरभंगा एयरपोर्ट पर दिखायी देगी.
दरभंगा एयरपोर्ट पर दिखेगी कला
भागलपुर के कहलगांव रानी दियारा की रहने वाली शुभकामिनी ने अपनी कला का बेहतर इस्तेमाल करते हुए टाइल्स के टुकड़े पर मोजेक कला का प्रदर्शन किया है. टाइल्स के टुकड़ों का इस्तेमाल कर खूबसूरत पेंटिंग बना रही है. शुभकामिनी को अपनी आर्ट के लिए दरभंगा एयरपोर्ट से प्रोजेक्ट भी मिला है. अब इनकी कला को दरभंगा एयरपोर्ट पर देखा जा सकेगा.
मिले कई प्रोजेक्ट
शुभकामिनी कहती हैं कि हमेशा से मन में कुछ अलग करने की सोच रही है. उन्होंने बताया कि मोजेक कला की ट्रेनिंग गोवा से ली है. इसके बाद भागलपुर में इस पर काम कर रही हैं. बिहार सरकार के अधिकारियों की ओर से दरभंगा एयरपोर्ट के लिए कुछ प्रोजेक्ट दिए गए हैं. जिसमें से एक एयरपोर्ट में लगाया जा चुका है और बाकी के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.
एक प्रोजेक्ट पूरा करने में लगता है एक महीने से ज्यादा का समय
मधुबनी पेंटिंग को मोजेक आर्ट बनाया गया है, इसके साथ मंजूषा पेंटिंग पर भी काम किया जाएगा. शुभकामिनी का कहना है कि कई लोगों ने इसे सीखने का प्रयास किया. साथ में कई लड़कियां भी इससे जुड़ी, लेकिन इतनी मेहनत का काम कोई कर नहीं सका. उन्होंने बताया कि एक प्रोजेक्ट पूरा करने में 1 महीने से ज्यादा का समय लगता है. इसे बनाने में उनकी बहन दिव्या साथ दे रही है. बिहार में इस तरह की कला कम ही देखने को मिलती है. इस तरह कला को विकसित करने की जरूरत है ताकि और लोग आत्मनिर्भर बनकर अपना जीवन यापन कर सकें.