शशिभूषण कुंवर, पटना
बिहार में सबसे ज्यादा पलायन मुजफ्फरपुर से हो रहा है. बताया जा रहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा रिमोट वोटिंग को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों से परामर्श की प्रक्रिया आरंभ की गयी है. इस कड़ी में आयोग द्वारा अपना मूल निवास छोड़कर प्रवास कर गये मतदाताओं को चिह्नित किया जा रहा है. बिहार में एक लाख 37 हजार मतदाता अपने मूल निवास स्थान पर नहीं पाये गये. चुनाव आयोग के पुनरीक्षित कार्यक्रम के अनुसार, सबसे अधिक11270 मतदाता मुजफ्फरपुर से और 8300 मतदाता रोहतास जिले से चिह्नित किये गये हैं. इसके बाद समस्तीपुर जिले में 7875 प्रवासी मतदाताओं की पहचान की गयी है.
दरभंगा छोड़कर चले गए 7082 मतदाता
दरभंगा जिले से 7082 मतदाता अपना मूल निवास छोड़कर बाहर गये थे. बाहर रहकर नौकरी, रोजगार और पढ़ाई करने वालों की बड़ी संख्या राज्य से बाहर रहती है. रिमोट वोटिंग का प्रावधान लागू होता है तो इसका लाभ बिहार को सबसे अधिक मिलेगा. बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में भी इसी आधार पर गणना की गयी है. मुजफ्फरपुर जिले के सकरा विधानसभा क्षेत्र से 3130 व जमुई जिले के चकाई विस क्षेत्र से सबसे अधिक 2351 मतदाता घर छोड़कर बाहर रह रहे थे.
प्रवासियों को भी मतदान से जोड़ने की कवायद
भारत निर्वाचन आयोग ने देश के आठ राष्ट्रीय व 57 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रतिनिधियों को 16 जनवरी को रिमोट मतदान की प्रक्रिया, पद्धति और मतों की गणना में आनेवाली चुनौतियों के बारे में बातचीत की थी. आयोग का मानना है कि विस और लोकसभा चुनाव में प्रवासी मतदाताओं के कारण मतदान का प्रतिशत कम रह रहा है. प्रवासी मतदाताओं को रिमोट वोटिंग का अधिकार मिल जाये तो मत प्रतिशत में इजाफा होगा.