बिहार पुलिस के खौफ से मोस्ट वांटेड अपराधी पप्पू मंडल ने किया सरेंडर, 9 संगीन मामलों में है आरोपी
जमुई के मोस्ट वांटेड कुख्यात अपराधी सुरेंद्र मंडल उर्फ पप्पू मंडल ने पुलिस छापेमारी के कारण गुरुवार को जमुई व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. 50 हजार के इनामी अपराधी पप्पू मंडल के सरेंडर के बाद जमुई पुलिस ने राहत की सांस ली है.
बिहार पुलिस को लगातार कई महीनों तक चकमा देने के बाद जमुई जिले का टॉप मोस्ट वांटेड इनामी अपराधी पप्पू मंडल ने गुरुवार को जमुई न्यायालय में सरेंडर कर दिया. हाई कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद पप्पू मंडल ने गुरुवार को अपने तीन सहयोगियों के साथ कोर्ट पहुंचकर आत्मसमर्पण किया. जिसके बाद जमुई पुलिस ने राहत की सांस ली है. पप्पू मंडल पर कई संगीन मामले दर्ज हैं. पुलिस प्रशासन द्वारा उसके खिलाफ 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. वहीं अगर पुलिस सूत्रों की मानें तो पप्पू मंडल के खिलाफ इनाम की राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपये करने के लिए पुलिस मुख्यालय को लिखा गया था. हालांकि इसकी स्वीकृति नहीं मिल पायी. पप्पू मंडल पर जमुई सदर थाना में पुलिस पर हमला करने, मारपीट, रंगदारी सहित अलग-अलग अपराध के नौ मामले दर्ज हैं.
पुलिस की दबिश से परेशान होकर पप्पू मंडल ने किया सरेंडर
इस मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ. शौर्य सुमन ने पप्पू मंडल के सरेंडर को बड़ी सफलता बताया. उन्होंने कहा कि जिले के टॉप टेन में वांछित एवं इनाम घोषित फरार अपराधी सुरेंद्र मंडल उर्फ पप्पू मंडल की गिरफ्तारी हेतु एक विशेष टीम का गठन किया गया था. इसमें अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश सुमन, पुलिस निरीक्षक सह जमुई सदर थानाध्यक्ष राजीव कुमार तिवारी, डीआइयू जमुई टीम के सदस्य शामिल थे. इस टीम द्वारा निरंतर बिहार व झारखंड के करीब दर्जनों ठिकानों पर बीते एक सप्ताह से निरंतर छापेमारी की जा रही थी. लगातार पुलिस दबिश से परेशान होकर सुरेंद्र मंडल उर्फ पप्पू मंडल ने जमुई न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया.
छह साल से चल रहा था फरार
बताते चलें कि पप्पू मंडल पिछले 6 साल से फरार चल रहा था. उस पर हत्या, आर्म्स एक्ट, दंगा सहित कई संगीन मामला दर्ज है. सरेंडर की सूचना के बाद कोर्ट परिसर में अचानक सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी. पुलिस टीम उसे कोर्ट परिसर से ही अपने साथ जेल लेकर चली गयी.
कोर्ट से गलत तरीके से जमानत लेने का किया गया था प्रयास
गौरतलब है कि बीते 11 जुलाई को पप्पू मंडल के जमानत के लिए न्यायालय परिसर में किसी अन्य शख्स को खड़ा कर जमानत लेने का प्रयास किया गया था. दरअसल पुलिस अधीक्षक को यह सूचना मिली थी की पप्पू मंडल हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में अग्रिम जमानत हेतु सीजेएम कोर्ट में उपस्थित होने वाला है.
उक्त सूचना पर एसटीएफ के सहयोग से न्यायालय परिसर के बाहर पुलिस की टीम को तैनात किया गया एवं कई गुप्तचरों को कोर्ट परिसर में तैनात किया गया. गुप्तचर की निशानदेही पर पप्पू मंडल के रूप में कोर्ट पहुंचे एक व्यक्ति को पकड़ा गया. पूछताछ करने पर उसने अपना नाम सुमन कुमार उर्फ आमोद साह बताया था, जो पप्पू मंडल का साथी था. इस मामले में पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और पप्पू मंडल के अधिवक्ता के खिलाफ भी प्राथमिक दर्ज कर उन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था.
गिरफ्तारी करने पहुंची पुलिस पर ग्रामीणों ने कर दिया था हमला
पप्पू मंडल का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. लगातार पुलिस ने पप्पू मंडल को गिरफ्तार करने का प्रयास किया है. लेकिन पिछले साल पप्पू मंडल को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस की टीम पर पप्पू मंडल और उसके सहयोगियों में जानलेवा हमला भी किया था. पिछले साल 22 दिसंबर 2022 को पुलिस की एक टीम पप्पू मंडल को गिरफ्तार करने उसके गांव संगथू पहुंची थी.
उस टीम में तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार, सदर थानाध्यक्ष राजीव कुमार तिवारी, महिला थानाध्यक्ष ममता गिरि एवं अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे. पुलिस की टीम जब पप्पू मंडल के घर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर छापेमारी कर रही थी, तभी 30 से 40 की संख्या में अज्ञात महिला एवं पुरुष द्वारा पुलिस की टीम पर ईंट-पत्थर से हमला कर दिया गया था. इस हमले में कुछ पुलिस कर्मियों को चोट भी आयी थीं. इस दौरान अपराधी पप्पू मंडल छिपकर वहां से भाग निकला था. पुलिस की टीम लगातार पप्पू मंडल की तलाश कर रही थी.
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