कटिहार में सबसे अधिक जलापूर्ति की शिकायत, मधुबनी में सबसे कम समस्या, जानें कितना पानी पी जाते हैं बिहार के लोग
बिहार के 3932 पंचायतों में सबसे अधिक पेयजल से संबंधित समस्या कटिहार में हो रही है, जबकि, मधुबनी में सबसे कम समस्या हुई है. कटिहार में पाइप के रिसाव, नल क्षतिग्रस्त, मोटर पंप के जलने, स्टार्टर और पैनल की खराबी, वॉशर और फेरुल सहित अन्य के लगभग छह हजार शिकायत दर्ज हुई.
पटना. बिहार के 3932 पंचायतों में सबसे अधिक पेयजल से संबंधित समस्या कटिहार में हो रही है, जबकि, मधुबनी में सबसे कम समस्या हुई है. कटिहार में पाइप के रिसाव, नल क्षतिग्रस्त, मोटर पंप के जलने, स्टार्टर और पैनल की खराबी, वॉशर और फेरुल सहित अन्य के लगभग छह हजार शिकायत दर्ज हुई. पेयजल को लेकर मधुबनी में सबसे कम दो शिकायत दर्ज हुआ. पटना में पेयजल को लेकर 31 शिकायते दर्ज की गयी, जबकि, मुजफ्फरपुर में 3, भागलपुर में 479, समस्तीपुर में 320 शिकायत दर्ज की गयी.
हर दिन हो रही 46.25 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई
बिहार के 1.17 वार्डों में प्रति दिन 46.25 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई होती है. विभाग की ओर से प्रति व्यक्ति 40 लीटर पानी की आपूर्ति का मानक तय किया गया है. इसके बावजूद भी 70 लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है. इसमें पीने के लिए तीन लीटर, स्नान के लिए 15 लीटर, घर के काम के लिए 15 लीटर, खाना बनाने के लिए 10 लीटर, कपड़ा और स्वच्छता के लिए 15 लीटर और पशुओं के पीने के लिए 12 लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है. पीएचईडी विभाग के अनुसार 3992 पंचायतों में 8 हजार प्लंबर और हेल्पर ने एक वर्ष के दौरान 19 हजार से अधिक पेयजल की समस्याओं को दूर किया है. इससे 14 लाख घरों को इस सुविधा का सीधे फायदा मिला है. इसके साथ ही एक वर्ष के दौरान 17 करोड़ लीटर पानी की बचत हुई है.
समस्याओं का तत्काल निस्तारण
विभाग का कहना है कि समस्याओं का तत्काल निस्तारण किया जा रहा है. कटिहार में कटिहार में 5541 शिकायतों का निस्तारण हो चुका है. इसमें 2683 पाइप लाइन, नल के 23, फेरुल और वॉशर से संबंधित 32, मोटर की मरम्मत के 93, स्टार्टर और पैनल के 271 और पाइप लाइन जाम, प्रेशर की कमी सहित 2439 समस्याओं का निस्तारण किया गया. विभाग का दावा है कि प्लंबरों ने 3992 पंचायतों के साथ ही 163 मुख्यालय पंचायतों में 19 हजार में से 9567 जगहों पर पाइप लाइन की मरम्मत, 1097 जगहों पर नल का बदलाव, फेरुल और वॉशर सहित 1248 शिकायत, 894 मोटर, 1347 स्टार्टर और पैनल की मरम्मत के साथ ही 4451 अन्य समस्याओं को दूर किया गया.
आठ हजार प्लंबर और हेल्परों की हुई है नियुक्ति
बिहार में 1.17 लाख वार्ड है. इसमें 57995 वार्ड में पंचायती राज विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से 3370 वार्ड और पीएचईडी की ओर से 26239 वार्डों में पेयजल कनेक्शन दिया गया है. इसमें 56 हजार वार्डों में पीएचईडी की ओर से 39 हजार प्लंबर रखने की योजना है. तकनीकी जानकारों को सर्टिफिकेट देने के साथ ही नये प्लंबरों को आईटीआई की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके तहत आठ हजार प्लंबर और हेल्परों की नियुक्ति की जा चुकी है.