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मोतिहारी बालिका गृह की लड़कियां अब डिप्लोमा की कोर्स कर सकेंगी, कंप्यूटर व ब्यूटीशियन की करेंगी पढ़ाई

विभागीय अधिकारियों की मेहनत व डीएम शीर्षत कपिल अशोक की सकारात्मक सोंच का असर राह भटक चुकी इन लड़कियों पर दिखने लगा है. मोतिहारी बालिका गृह की लड़कियां कंप्यूटर व ब्यूटीशियन की पढ़ाई कर हुनरमंद बनेंगी और समाज की मुख्यधारा से जुड़कर फिर से अपनी नयी जिंदगी की शुरूआत करेंगी.

मोतिहारी .अपनी बदनसीबी पर आंसू बहाने वाली बालिका गृह की लड़कियां अब नयी इबारत लिखने लगी हैं. वे कंप्यूटर व ब्यूटीशियन की पढ़ाई कर हुनरमंद बनेंगी और समाज की मुख्यधारा से जुड़कर फिर से अपनी नयी जिंदगी की शुरूआत करेंगी. पहले चरण में सात बालिकाओं का चयन कर उनका नामांकन करा दिया गया है और पढ़ाई भी शुरू कर दी हैं.तीन बालिकाएं ब्यूटीशियन व चार डिप्लोमा कंप्यूटर का कोर्स कर रही हैं.

कौशल विकास से जोड़ने के लिए किया जा रहा प्रेरित

विभागीय अधिकारियों की मेहनत व डीएम शीर्षत कपिल अशोक की सकारात्मक सोंच का असर राह भटक चुकी इन लड़कियों पर दिखने लगा है.उनकी सोच में बड़ा बदलाव आया है. वे अपने भविष्य के प्रति जागरूक दिख रही हैं और बेहतर कुछ करने की जज्बा पाल रही हैं. जिला बाल संरक्षण इकाई के आधिकारिक सूत्रों के अनूसार,यहां आवासीत बालिकाओं की लगातार कॉंसलिंग विशेषज्ञों द्वारा करायी जा रही है और बेहतर जिंदगी जीने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. कौशल विकास से जोड़ने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है.दूसरे चरण में भी बच्चियों को कई तरह के कोर्स कराने की तैयारी की जा रही है.

तीन लड़कियां होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद कर रहीं नौकरी

बालिका गृह में रहने वाली जिले की तीन लड़कियां होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर नौकरी कर रही हैं. वे पूरी तरह से अपने भविष्य के प्रति जागरूक हो अपने जीवन को बेहतर तरीके से चला रही हैं. वे दो साल पूर्व पटना से विमान से बेंगलुरु एकेडमी भेजी गयी थीं जहां पढ़ाई पूरी करने के बाद कंपनियों में नौकरी कर रही हैं. वहीं, पर्यवेक्षण गृह के बच्चे भी अब अपनी सोंच बदलने लगे हैं और अपने भविष्य के प्रति जागरूक होने लगे हैं. जनशिक्षण संस्थान के माध्यम से 40 बच्चों का पोलंबिग व 20 का इलेक्ट्रीशीन में दाखिला हुआ है,जो गृह के इतिहास में एक एतिहासिक कदम है. पोलंबिग व इलेक्ट्रीशीन की पढ़ाई के बाद अपने जीवन को बेहतर बनायेंगे.

क्या कहते हैं अधिकारी 

जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ममता झा ने कहा कि डीएम सर की बेहतर सोंच का यह सुखद परिणाम है. बच्चे व बच्चियां अपने भविष्य को समझेंगे और समाज के योग्य नागरिक बनेंगे.आगे भी इस तरह का पहल जारी रहेगा.

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