रक्सौल हवाई अड्डा के लिए 100 एकड़ रैयती भूमि का होगा अधिग्रहण
सीमाई शहर रक्सौल में अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाने को लेकर प्रशासनिक सक्रियता काफी तेज हो गयी है.
रक्सौल.सीमाई शहर रक्सौल में अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाने को लेकर प्रशासनिक सक्रियता काफी तेज हो गयी है. शुक्रवार को पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने रक्सौल में बनने वाले प्रस्तावित हवाई अड्डा के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर पदाधिकारियों की टीम के साथ इसका भौतिक निरीक्षण किया. जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल के साथ निरीक्षण के लिए आयी टीम में नगर निगम मोतिहारी के नगर आयुक्त सौरव सुमन यादव के साथ-साथ अनुमंडल पदाधिकारी शिवाक्षी दीक्षित भी मौजूद थी. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के द्वारा रक्सौल में हवाई अड्डा संचालन को लेकर जिस प्रकार जमीन की उपलब्धता के संबंध में डिमांड जिला प्रशासन पूर्वी चंपारण से की गयी, उसके आलोक में अधिग्रहण की प्रक्रिया को समय सीमा के अंदर समाप्त करने को लेकर जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी रक्सौल को विशेष दिशा-निर्देश दिया है. इधर, शुक्रवार को निरीक्षण के क्रम में बताया गया कि भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय अंतर्गत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा तैयार किए गए मास्टर प्लान में 139 एकड़ अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता बताई गई है. इसके बाद जो मास्टर प्लॉन अधिग्रहण के लिए तैयार किया गया है. उसमें 35 एकड़ गैर मजरूआ खाते की जमीन पाई गई है. 5 एकड़ बकास्त भूमि एवं लगभग 100 एकड़ रैयती भूमि पाई गई. जिसका खेसरा पंजी निर्माण के संबंध में जिलाधिकारी के द्वारा सभी जरूरी निर्देश अंचल अधिकारी रक्सौल को दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार हवाई अड्डा संचालन को लेकर मौजा सिसवा, चंदौली, चिकनी, एकडेरवा, भरतमही एवं सिंहपुर आदि में भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. शुक्रवार को जिलाधिकारी के द्वारा हवाई अड्डा की चारदीवारी से लगभग 700 मीटर की दूरी तक पश्चिम दिशा में,लगभग 3200 मी. दक्षिण पश्चिम की दिशा में अतिरिक्त 700 मी. की रकबा, पूरब-दक्षिण की दिशा में अतिरिक्त 400 मीटर की रकवा, पूरब दिशा में 400 मीटर एवं उत्तर में 6000 मीटर रकबा का स्थल का निरीक्षण किया गया एवं इसके राजस्व अभिलेखों की जांच की गयी. इसके अलावे निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी के द्वारा एयरपोर्ट के लिए एप्रोच रोड के विस्तारीकरण के संबंध में जरूरी निर्देश दिया गया. एयरपोर्ट का विस्तार तिलावे नदी के पश्चिम दिशा में नदी से लगभग 500 मीटर की दूरी तक होना है. जिलाधिकारी ने कहा कि युक्त से संबंधित भूमिका खाता खेसरा यथाशीघ्र अधियाची विभाग को आगे की कार्रवाई हेतु भेज दी जाएगी. यहां बता दे कि इससे पहले भी विमानपत्तन प्राधिकरण की एक टीम के द्वारा रक्सौल हवाई अड्डा का सर्वे किया गया था. इसके निर्माण को लेकर डीपीआर बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. जिसके बाद यहां एयरपोर्ट के शिलान्यास होने की संभावना है. सीमाई शहर रक्सौल में अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाने को लेकर प्रशासनिक सक्रियता काफी तेज हो गयी है. शुक्रवार को पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने रक्सौल में बनने वाले प्रस्तावित हवाई अड्डा के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर पदाधिकारियों की टीम के साथ इसका भौतिक निरीक्षण किया. जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल के साथ निरीक्षण के लिए आयी टीम में नगर निगम मोतिहारी के नगर आयुक्त सौरव सुमन यादव के साथ-साथ अनुमंडल पदाधिकारी शिवाक्षी दीक्षित भी मौजूद थी. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के द्वारा रक्सौल में हवाई अड्डा संचालन को लेकर जिस प्रकार जमीन की उपलब्धता के संबंध में डिमांड जिला प्रशासन पूर्वी चंपारण से की गयी, उसके आलोक में अधिग्रहण की प्रक्रिया को समय सीमा के अंदर समाप्त करने को लेकर जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी रक्सौल को विशेष दिशा-निर्देश दिया है. इधर, शुक्रवार को निरीक्षण के क्रम में बताया गया कि भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय अंतर्गत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा तैयार किए गए मास्टर प्लान में 139 एकड़ अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता बताई गई है. इसके बाद जो मास्टर प्लॉन अधिग्रहण के लिए तैयार किया गया है. उसमें 35 एकड़ गैर मजरूआ खाते की जमीन पाई गई है. 5 एकड़ बकास्त भूमि एवं लगभग 100 एकड़ रैयती भूमि पाई गई. जिसका खेसरा पंजी निर्माण के संबंध में जिलाधिकारी के द्वारा सभी जरूरी निर्देश अंचल अधिकारी रक्सौल को दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार हवाई अड्डा संचालन को लेकर मौजा सिसवा, चंदौली, चिकनी, एकडेरवा, भरतमही एवं सिंहपुर आदि में भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. शुक्रवार को जिलाधिकारी के द्वारा हवाई अड्डा की चारदीवारी से लगभग 700 मीटर की दूरी तक पश्चिम दिशा में,लगभग 3200 मी. दक्षिण पश्चिम की दिशा में अतिरिक्त 700 मी. की रकबा, पूरब-दक्षिण की दिशा में अतिरिक्त 400 मीटर की रकवा, पूरब दिशा में 400 मीटर एवं उत्तर में 6000 मीटर रकबा का स्थल का निरीक्षण किया गया एवं इसके राजस्व अभिलेखों की जांच की गयी. इसके अलावे निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी के द्वारा एयरपोर्ट के लिए एप्रोच रोड के विस्तारीकरण के संबंध में जरूरी निर्देश दिया गया. एयरपोर्ट का विस्तार तिलावे नदी के पश्चिम दिशा में नदी से लगभग 500 मीटर की दूरी तक होना है. जिलाधिकारी ने कहा कि युक्त से संबंधित भूमिका खाता खेसरा यथाशीघ्र अधियाची विभाग को आगे की कार्रवाई हेतु भेज दी जाएगी. यहां बता दे कि इससे पहले भी विमानपत्तन प्राधिकरण की एक टीम के द्वारा रक्सौल हवाई अड्डा का सर्वे किया गया था. इसके निर्माण को लेकर डीपीआर बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. जिसके बाद यहां एयरपोर्ट के शिलान्यास होने की संभावना है.
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