राष्ट्रीय लोक अदालत में 1991 मामले निष्पादित

मामले छोटे होते हैं परंतु उसके निष्पादन की प्रक्रियाएं लम्बी हैं, छोटे-छोटे मामले के निबटारे के लिए लोक अदालत सबसे सुलभ अदालत है. इसमें निबटारे से पैसा एवं समय दोनों बचते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 14, 2024 10:12 PM

मोतिहारी.मामले छोटे होते हैं परंतु उसके निष्पादन की प्रक्रियाएं लम्बी हैं, छोटे-छोटे मामले के निबटारे के लिए लोक अदालत सबसे सुलभ अदालत है. इसमें निबटारे से पैसा एवं समय दोनों बचते हैं. लोक अदालत आपकी अदालत है आये एवं मामले निष्पादित करा खुशी खुशी घर जाए. उक्त बातें शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित अधिकारियों ने अपने संबोधन में कही. शनिवार को सुबह दस बजे राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन जिला जज देवराज त्रिपाठी, डीएम सौरभ जोरवाल, एडिशनल एसपी शेखर कुमार, राष्ट्रीय लोक अदालत के सचिव राजेश दुबे, जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष शेषनरायण कुंवर एवं संयुक्त सचिव अशोक कुमार ने द्वीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान राष्ट्रीय लोक अदालत में 1991 मामलों का निष्पादन समझौता के आधार पर किया गया, जिसमें 1276 मामले बैक से संबंधित निष्पादित हुए. वहीं 650 मामले न्यायालय में लंबित मामलों का निष्पादन हुआ. वहीं 48 मामले क्लेम दो मामले बीएस एन एल से संबंधित निष्पादन किए गये. सैकड़ों मामले का निष्पादन समझौता के आधार पर किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत में मामले के निष्पादन के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जिला में 21 बेंच गठित किया गया था. जिसमें दो बेंच ढाका अनुमंडल न्यायालय में सुलहनीय मामले के निष्पादन कर रहे थे. वहीं एक बेंच अरेराज अनुमंडल में सुलहनीय मामले का निष्पादन समझौता के आधार पर कर रहे थे. शेष बेंच मोतिहारी लोक अदालत में मामले निष्पादित कर रहे थे. जिला जज एवं सचिव वादकारियों के सुविधा का जायजा लेते रहे. राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता में जिला जज सचिव, अधिवक्ता बैंक अधिकारी एसबीआई संजीव कुमार सिंह,आर एम,गणेश प्रसाद,साकेत कुमार नायक,विमल कुमार,बैक अधिवक्ता ओमप्रकाश, लोक अदालत सहायक राजेश कुमार, अरुणेश कुमार, निरंजन कुमार, कृष्णा कुमार सहित सिविल कोर्ट कर्मी की सराहनीय भूमिका रही.

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