30 पंचायतों ने बंद पुरानी योजनाओं की राशि नहीं की वापस

र्वी चंपारण जिले के करीब 30 बंद पड़ी पुरानी योजनाओं की राशि अब तक वापस नहीं की है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 9, 2024 10:52 PM

मोतिहारी.पूर्वी चंपारण जिले के करीब 30 बंद पड़ी पुरानी योजनाओं की राशि अब तक वापस नहीं की है. बीआरजीएफ, तृतीय, चतुर्थ, 12वीं व 13वीं वित्त आयोग की ये करोड़ रुपये हैं, जिसको ले विभाग पूरी तरह से सख्त हो गया है. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश के आलोक में विभागीय पहल तेज कर दी गयी है. जिला पंचायती राज पदाधिकारी रामजन्म पासवान ने सभी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारियों को इस बाबत आवश्यक निर्देश जारी कर दिया है. राशि संबंधित पंचायतों के द्वारा बैंक खाता में जमा राशि को निर्धारित शीर्ष में जमा कराकर खाता को बंद करने का निर्देश है. प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारियों को मुखियों व पंचायत सचिवों से समन्वय स्थापित कर राशि को शीर्ष खाता में जमा कराने का निर्देश दिया है. कहा है कि संपूर्ण राशि का ब्यारो,अभिलेख हासिल करेंगे और कागजात नहीं मिलने की स्थिति में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई करेंगे. इन पंचायतों में है राशि

रामगढ़वा प्रखण्ड के ग्राम पंचायत चनहर दिहुली, रक्सौल प्रखण्ड के ग्राम पंचायत नोनेया डीह, परसौना तपसी, चिरैया प्रखण्ड के ग्राम पंचायत हराज नूरुल्लाहपुर, हरनरैना, माधोपुर, सेमरा, ढाका प्रखण्ड के ग्राम पंचायत करसहिया, तेलहारा कला, गुरहनया, फुलवरिया, जमुआ, मधुबन प्रखण्ड के ग्राम पंचायत रूपनी, मेलवा,गड़हिया, मोतिहारी प्रखण्ड के ग्राम पंचायत कटहीं, पिपराकोठी प्रखण्ड के ग्राम पंचायत सूरजपुर, चकिया प्रखण्ड के ग्राम पंचायत हरपुर, कल्याणपुर प्रखण्ड के ग्राम पंचायत परसौनी वाजिद, रघुनाथपुर, केसरिया प्रखण्ड के ग्राम पंचायत गोछी कुशहर, हुसैनी उत्तर, मेहसी प्रखण्ड के पंचायत समिति, ग्राम पंचायत भुरकुरवा, नोनीमल, हरसिद्धि प्रखण्ड के पंचायत समिति, पहाड़पुर प्रखण्ड के ग्राम पंचायत दक्षिणी नोनिया एवं संग्रामपुर प्रखण्ड के ग्राम पंचायत डुमरिया एवं उत्तर मधुबनी.

कैश बुक व योजना अभिलेख नहीं मिलने से परेशानी

की राशि का ब्योरा से संबंधित आवश्यक कागजात कैश बुक, पासबुक, योजना अभिलेख या अन्य कागजात उपलब्ध नहीं रहने से कई तरह की विभागीय परेशानी हो रही है. उक्त मदों में संचित राशि सरकार के निर्धारित खाता में जमा करने का निर्देश है. पंचायतों में रिकॉर्ड नहीं होने की स्थिति में यह समझा जाएगा कि मुखिया व पंचायत सचिव द्वारा एक साजिश के तहत उसे गायब कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

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