अमरेश वर्मा, मोतिहारी.डुमरियाघाट थाने के सरेया बदुराहा गांव में नदी में नहाने गए चार बच्चे गहरे पानी में जाने के कारण डूबने लगे. तभी उसी गांव का एक किशोर उनके लिए भगवान बन सामने आया. उसने एक-एक कर चार बच्चों को बाहर निकाल उनकी जान बचा ली, जबकि देर हो जाने की वजह से पांचवा बच्चा पानी में डुब गया. काफी खोजबीन के बाद उसका शव मिला. चार बच्चों की जान बचाने वाला किशोर राहुल कुमार (14) की जाबांजी को हार कोई सलाम कर रहा है. सरेया बदुराहा गांव के जीतू कुमार (7), रजनी कुमारी (8), पंकज कुमार (7), मिंता कुमारी (7) व कुणाल कुमार (7) एक साथ आम चुनने गये. इस दौरान पांचों बच्चे गंडक नदी की उपधारा में नहाने चले गये, जहां पानी की तेज धार में पड़ने के कारण पांचों बच्चे डुबने लगे. वहीं कुछ दूर इमिलिया घाट पर पुकार राय के बथान के पास राहुल खड़ा था. पानी में डुब रहे बच्चों के बचाव-बचाव की आवाज सुनकर राहुल दौड़ता हुआ नदी किनारे गया. उसने देखा कि पांच बच्चे डुब रहे है. वह बिना समय गवांये उनकी जान बचाने के लिए नदी कूद गया. एक-एक कर चार बच्चों को बाहर निकाल उनकी जान बचायी. प्रभात खबर से बातचीत के दौरान राहुल ने कहां कि उसकी नजर कुणाल पर नहीं गयी, वरना उसकी भी जान बचा लेता. हालांकि वह चार बच्चों को बारी-बारी से बचाने में थक भी चुका था. इस बात की खबर गांव में फैली तो नदी किनारे भीड़ लग गयी. स्थानीय गोताखोरों की मदद से कुणाल का शव करीब दो घंटे बाद नदी से बरामद हुआ.
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