रक्सौल.नाम राधा देवी, उम्र 80 वर्ष, उम्र के इस पड़ाव पर राधा देवी न तो ठीक से बोल पाती है और ना ही चल पाती है. जिस उम्र में राधा देवी के कंधे को बेटे का सहारा मिलना चाहिए था, उस उम्र में उनके बेटों उन्हें घर से निकाल दिया. बेबस एक मां घर छोड़ कर बाहर निकल पड़ी और बलिया से रक्सौल ले आयी. जहां अब माहेर ममता निवास का आंगन महिला का नया बसेरा है. संस्था मानसिक रूप से बीमार महिलाओं को शरण देती है। राधा देवी के पति ठाकुर प्रसाद की मौत पहले ही हो गयी है. दो बेटों पर देखभाल की जिम्मेवारी थी, लेकिन दोनों ने घर से निकाल दिया. माहेर ममता निवास के स्थानीय प्रबंधक विरेंद्र कुमार ने बताया कि बुधवार की रात राजकीय रेल थाना रक्सौल से खबर आयी कि एक महिला स्टेशन पर भटक रही है. इसके बाद टीम वहां पहुंची और जांच पड़ताल के बाद उसे खाना आदि खिलाया. कागजी कार्रवाई के बाद माहेर में शरण दी गयी है.
राधा देवी उत्तर प्रदेश के बलिया जिला अंतर्गत बिहार चौक बंसाडीह की निवासी है. माहेर में उनका देखभाल किया जा रहा है. अभियान में जीआरपी के प्रभारी थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह के साथ-साथ स्वच्छ रक्सौल संगठन के अध्यक्ष रंजीत सिंह, जीआरपी के कांस्टेबल अरविंद कुमार, महिला हेल्प डेस्क की प्रभारी संगीता कुमारी, माहेर संस्था की सुप्रिया बोदरा आदि की भूमिका सराहनीय रही.
इधर, स्वच्छ रक्सौल व जीआरपी की टीम के द्वारा एक नेपाली नाबालिग लड़की को भी स्टेशन से रेस्क्यू किया गया है जो दो युवकों के बहकावे में आकर घर से भागी थी और दिल्ली जाने की तैयारी में थी. इस मामले में नाबालिग लड़की के परिजनों को बुलाकर उसे सौंप दिया गया है.
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