सांस्कृतिक दूत बनकर अमेरिका जायेंगे रक्सौल के आदित्य
भारत की सांस्कृतिक विरासत को अमेरिका में साझा करने के लिए रक्सौल वार्ड नंबर 2 के निवासी आदित्य राज अमेरिका जाएंगे.
रक्सौल.भारत की सांस्कृतिक विरासत को अमेरिका में साझा करने के लिए रक्सौल वार्ड नंबर 2 के निवासी आदित्य राज अमेरिका जाएंगे. भारत सरकार और अमेरिका सरकार के बीच वर्ष 1950 से चल रहे नेहरू फुलब्राइट इंटरनेशनल प्रोग्राम के तहत आदित्य का चयन हुआ है. मिथिला विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के सहायक प्राध्यापक (जीटी) पद पर अपनी सेवा दे रहे आदित्य राज की प्रारंभिक शिक्षा रक्सौल से हुई है. मुजफ्फरपुर के संत जोसेफ स्कूल से दसवीं पास करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक तथा मेरठ विश्वविद्यालय से पीजी करने के बाद नेट की परीक्षा पास कर विश्वविद्यालय में अपनी सेवा दे रहे हैं. इधर, आदित्य का चयन 9 महीने के लिए इस प्रोग्राम के तहत हुआ है. यूनाइटेड स्टेट्स इंडिया एजुकेशनल फाउंडेशन के बैनर तले हर साल भारत से कुछ प्रतिभावान अभ्यर्थियों का चयन कर एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अमेरिका सांस्कृतिक दूत बनाकर भेजा जाता है. प्रभात खबर से बातचीत में आदित्य ने बताया कि वें वहां के विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को हिंदी की शिक्षा देंगे और भारत की सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी देंगे. आदित्य के पिता प्रो. राजकुमार यादव नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त हरिखेतान बहुमुखी कैंपस वीरगंज में अंग्रेजी के प्रोफेसर है. वहीं आदित्य ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिजनों के साथ-साथ अपने शिक्षक डॉ. प्रो. अर्जुन कुमार (विभागाध्यक्ष अंग्रेजी विभाग पटना विवि), डॉ. प्रो. स्तुति प्रसाद सहित उन सभी शिक्षकों को दिया है, जिन्होंने बचपन से उनकी शिक्षा में योगदान किया है. वहीं आदित्य के पिता डॉ यादव ने बताया कि बेटे की इस सफलता से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है और सभी उसके उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे है. आदित्य की सफलता पर मां ज्योत्सना कुमारी, नानी गायत्री देवी, नाना राजेन्द्र प्रसाद, प्रतिक्षा कुमारी, निलेश कुमार, चंद्रबली प्रसाद, अनुज अर्क राज सहित अन्य ने हर्ष व्यक्त किया है.
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