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बिहार के चार थानेदारों को लापरवाही पड़ी भारी, अदालत ने सुनाई ये सजा

Bihar News: बिहार के विभिन्न थाना क्षेत्रों में FIR दर्ज न करने और मामले में लापरवाही बरतने के कारण चार थानेदारों पर जुर्माना लगाया गया है.

Bihar News: बिहार के विभिन्न थाना क्षेत्रों में FIR दर्ज न करने और मामले में लापरवाही बरतने के कारण चार थानेदारों पर जुर्माना लगाया गया है. इन थानेदारों की लापरवाही के चलते शिकायतकर्ता महीनों तक न्याय के लिए भटकते रहे. न तो समय पर FIR दर्ज की गई और न ही अदालत के आदेशों का पालन किया गया. जिससे नाराज होकर शिकायतकर्ताओं ने जिला लोक शिकायत निवारण कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

एफआईआर दर्ज न करना पड़ा महंगा

दरअसल, यह पूरा मामला उन परिवादियों से जुड़ा है जिन्होंने संबंधित थानों में अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया था. लेकिन महीनों तक इन आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. FIR दर्ज न करने से परेशान होकर परिवादी ने न केवल थाने को पत्र भेजे, बल्कि निबंधित डाक से भी अपनी शिकायतें भेजी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर अदालत ने कड़ा कदम उठाते हुए इन लापरवाह थानेदारों पर जुर्माना लगाने की अनुशंसा की.

परिवादियों ने कोर्ट से की गुहार

FIR दर्ज न होने और थानों द्वारा लगातार अनदेखी किए जाने पर परिवादी कोर्ट में पहुंचे. विजय सिंह नामक एक शिकायतकर्ता ने मुजफ्फरपुर के कल्याणपुर थाने में FIR दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया था. लेकिन महीनों तक सुनवाई न होने के बाद, उन्होंने जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में आठ बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद थाने की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया.

सुनवाई के दौरान जब थाने का एसएचओ अदालत में पेश नहीं हुआ, तो अदालत ने इस पर सख्त रुख अपनाया और SHO पर 5,000 रुपये जुर्माना लगाने की अनुशंसा की. साथ ही मामले के निपटारे के लिए थानेदारों को निर्देशित किया गया.

आदापुर, डुमरियाघाट और केसरिया थाने पर भी कार्रवाई

आदापुर थाने के SHO धर्मवीर चौधरी को भी लापरवाही के कारण जुर्माना भुगतना पड़ा. तारिक अनवर नामक शिकायतकर्ता ने आदापुर थाने में FIR दर्ज करने के लिए आवेदन किया था, लेकिन सुनवाई के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. स्पीड पोस्ट से आवेदन भेजने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया. इस पर आदापुर एसएचओ पर 5,000 रुपये जुर्माना लगाने की अनुशंसा की गई.

इसी तरह, डुमरियाघाट थाना क्षेत्र के चंद्रदेव चौरसिया ने भी FIR दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन थानेदार ने इस पर कोई सुनवाई नहीं की. उन्होंने जिला लोक शिकायत कार्यालय में शिकायत की, लेकिन डुमरियाघाट के एसएचओ सुधीर कुमार ने सुनवाई के दौरान कई बार अनुपस्थित होकर मामले की गंभीरता को नजरअंदाज किया. इस पर उन्हें भी 5,000 रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया गया.

केसरिया थाना के SHO ने एक जमीन विवाद के मामले में FIR दर्ज नहीं की और नोटिस मिलने के बावजूद न तो कार्यालय में पेश हुए और न ही मामले के निपटारे में रुचि दिखाई. इस लापरवाही के कारण एसएचओ पर भी 5,000 रुपये जुर्माना लगाया गया. साथ ही एसपी से शोकॉज नोटिस जारी करने की अनुशंसा की गई है.

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