Bihar News: मोतिहारी में पिछले डेढ़ माह से बारिश की हड़ताल ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश थम जाने से धान सहित अन्य फसलें सूखने की कगार पर आ गयी है. वहीं धान के पौधों पर कीट प्रकोप शुरू हो गया है. सावन का पूरा माह सूखा निकल जाने से फसलों के विकास पर गहरा असर पड़ा है. लगातार धूप और बढ़ रहे तापमान के कारण खरीफ फसलों में कीट का प्रकोप शुरू हो गया है. खेतों में खरपतवार अधिक उपज गये है, इससे पौधों को नुकसान हो रहा है.
फसलों का रंग हो रहे पीले
वैज्ञानिक की मानें तो अगर बारिश नहीं होती तो खरीफ फसलों को 15 से 20 फीसदी तक नुकसान हो सकता है. वहीं मौसम विभाग ने सितंबर के दूसरे सप्ताह में बारिश की संभावना जतायी है. ऐसे में फसलों में कीट प्रकोप और बढ़ने के असार है. इसके साथ ही बढ़ते तापमान के कारण धान सहित मूंग व उड़द की फसल पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इधर, किसान दवाओं का छिड़काव कर फसलों को बचाने में लगे हैं. किसानों का कहना है कि अगर बीच-बीच में बारिश होती रहती तो फसलों में कीट व्याधि नहीं पनपते, लेकिन नमी कम होते ही फसलें पीले पड़ने लगी हैं. अब तो सावन माह की समाप्ति के बाद किसानों को भादो माह से बारिश की उम्मीद बंधी है.
अगस्त माह में 45.84 एमएम कम हुई बारिश
इस वर्ष जिले में एक लाख 84 हजार हेक्टेयर भूमि में धनरोपनी का लक्ष्य है. अगस्त माह की समाप्ति के उपरांत आज से सितंबर माह आरंभ हो गया है. अगस्त माह में खेती के लिए अच्छी बारिश नहीं हुई. कृषि विभाग के आकड़ों के अनुसार अगस्त माह में 45.84 एमएम कम बारिश दर्ज की गयी है. जबकि अगस्त माह का सामान्य वर्षापात करीब 308 एमएम है. वहीं पिछले माह जुलाई में सामन्य औसत 366 के विरुद्ध 18.15 एमएम कम बारिश दर्ज की गयी. ऐसे में कम बारिश से धान सहित अन्य फसल पर संकट का बादल मंडराने लगा है.
डीजल अनुदान के आवेदन जांच में तेजी का निर्देश
मौसम की मार से सूख रहे फसल की सिंचाई कर बचाने के लिए डीजल अनुदान राशि भुगतान तेजी कर दिया गया है. पूर्वी चंपारण में डीजल अनुदान के लिए करीब 16 हजार किसानों ने आवेदन किया है. डीएओ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि सूखा की स्थिति को देखते हुए कृषि कर्मियों को डीजल अनुदान के आवेदन की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. कहा कि विभाग के पोर्टल पर किसान डीजल अनुदान के लिए आवेदन कर सकते है. मुख्य फसल की तीन सिंचाई के लिए अधिकतम प्रति सिंचाई 750 रुपये प्रति एकड़ की दर से 2250 रुपये अनुदान राशि देय है. एक किसान को धान का बिचड़ा बचाने धान, मक्का, अन्य खरीफ फसलों के अन्तर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे की एक ही खेत के लिए अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 2250 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान देय होगा. एक किसान को अधिकतम 8 एकड़ के लिए डीजल अनुदान मिलेगा.