शादी में शरीक होने के लिए ननिहाल आये थे चारों बच्चे, तीन का शव बरामद
सरेया बाजार के पास अवस्थित गंडक नदी में सोमवार की शाम से लापता हुए चार बच्चों में तीन बच्चों के शव को एसडीआरएफ ने मंगलवार की शाम को निकाला लिया.
गोविंदगंज.सरेया बाजार के पास अवस्थित गंडक नदी में सोमवार की शाम से लापता हुए चार बच्चों में तीन बच्चों के शव को एसडीआरएफ ने मंगलवार की शाम को निकाला लिया. एक अन्य बच्चे के शव के खोजबीन में टीम जुटी रही. नदी से निकाले गए शव में सुगौली थाना क्षेत्र के सेंवरिया गांव का मोहन सहनी का पुत्र मुरारी कुमार, सरेया गांव का अमावस सहनी की पुत्री शिबू कुमारी व उतर प्रदेश के तरैया सुजान गांव का राम किशोर सहनी की पुत्री आशा कुमारी थी. घटनास्थल पर उपस्थित सीओ उदय कुमार सिंह व इंस्पेक्टर राजू कुमार मिश्र ने मृतक के परिजनों की उपस्थिति में तीनों शव को पोस्टमार्टम के लिए मोतिहारी भेज दिया. बताते चले कि सोमवार की शाम सभी बच्चे दियारा में तरबूज खाने गए थे,इसी क्रम में गंडक नदी में स्नान करने के दौरान दो बच्चे नदी में डूबने लगे. बच्चो को नदी में डूबने से बचाने गए दो अन्य बच्चे नदी में लापता हो गए थे. समाचार लिखे जाने तक एनडीआरएफ की टीम नदी में एक अन्य बच्चे की खोज में जुटी थी,जहां पदाधिकारी,ग्रामीण व जनप्रतिनिधि नदी में टकटकी लगाए हुए थे. घाट पर पदाधिकारी, मुखिया व ग्रामीण किए थे कैंप नदी में लापता हुए शव की खोजबीन में मगलवार की सुबह से ही ग्रामीण गोताखोर व परिजन जुटे हुए थे, लेकिन नदी में बच्चो का कोई सुराग नहीं मिला. मंगलवार की दोपहर घाट पर एनडीआरएफ टीम के पहुंचते ही ग्रामीणों की भीड़ घाट पर जुट गई. टीम के सदस्यों ने नदी के चारो तरफ़ चप्पे चप्पे पर शव की खोज की, जहां काफी मशक्कत के बाद बारी बारी से तीन शव को नदी से निकाला. मुखिया दुलार पांडेय, पंचायत सचिव व ग्रामीण व्यवस्था में जुटे हुए थे. वहीं बच्चों के परिजन घाट पर बैठ अपने अपने बच्चों को नदी से जिंदा निकलने की आस लगाकर भगवान को गुहार लगा रहे थे. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल अपने नाना अमावस सहनी की लडकी की शादी में शरीक होने मुरारी कुमार,आशा, व शिवम अपने परिजनों के साथ सरेया गांव पहुंचे थे,शादी के बाद सभी बच्चे अपने मौसी व अन्य के साथ दियारा में घूमने व तरबूज खाने गए थे, जहां देखते ही देखते एक एक कर सभी बच्चे नदी में लापता हो गए. शव के निकलते ही मृतक के परिजन बच्चों के शव से लिपटकर दहाड़ मार कर रो रहे थे, जिसको समझाने में ग्रामीण, परिजन जुटे थे.
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