रामगढ़वा.आधुनिक समाज में जहां लोग एक बच्चे के लिए भगवान की चौखट से लेकर आइवीएफ अस्पतालों की दौड लगाते नहीं थकते, उसी समाज में कुछ ऐसे भी लोग है जो कोख में पलने वाले मासूम की हत्या करने से भी नहीं डरते. गुरुवार की दोपहर एक ऐसे ही कलयुगी मां-पिता की करतूत देखने को मिली, जहां दो वर्ष की बच्ची का शव प्लास्टिक के बोरे में रखकर थानाक्षेत्र के अहिरौलिया पंचायत स्थित सेड़वा जंगल की झाड़ी में सड़क के किनारे से पुलिस ने बरामद किया. प्लास्टिक के बोरे में रखी मासूम बच्ची अपने कसूर के विषय में सवाल कर रही थी. गुरुवार को मवेशियों के लिए चारा काटने गयी महिलाओं ने झाड़ी में फेंके गये बोरे को देखकर उसे हसुए से फाड़कर देखा तो दंग रह गयी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोतिहारी भेज दिया. थानाध्यक्ष अमरजीत कुमार ने बताया कि देखने से लगता है कि करीब दो वर्ष की बच्ची है. जिसके शरीर पर जख्म का कोई निशान नहीं है. पोर्स्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पायेगा.
लोग कर रहे हैं तरह-तरह की चर्चा
बोरे से बरामद बच्ची के शव को लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं. लोग आश्चर्यचकित है कि इस अबोध बच्ची का ऐसा कौन-सा कसूर है कि इस तरह के कुकृत्य को अंजाम दिया गया है. शव की स्थिति को देखने से ऐसा अनुमान है कि मुंह दबाकर इसकी हत्या करके बोरे में रखकर शव को ठिकाने लगाने की नियत से झाड़ी में फेंक दिया गया है.बेटी होने की सजा या कुछ और !
बेटी होने की वजह से इस कुकृत्य को अंजाम दिया गया है या इस घटना की कोई दूसरी वजह है. कही ऐसा तो नहीं कि माता-पिता के साथ दुश्मनी की शिकार तो नहीं हो गयी अबोध बच्ची, जिसकी हत्या करके फेंक दिया गया है. वजह चाहे जो भी हो इस अमानवीय कृत्य की घोर निंदा हो रही है. पंकज कुमार सिंह उर्फ पुन्नू सिंह, रवि यादव, मुकेश सिंह, मनोज यादव आदि लोगों ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि अपराधी भले ही पुलिस की पकड़ से बच जायेगा पर ईश्वर की अदालत में सजा जरुर मिलेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है