मोतिहारी.मानव तस्करों के लिए सेफजोन बनता जा रहा है पूर्वी चंपारण जिले का सीमावर्ती इलाका. तस्कर बड़ी आसानी से यहां पहुंच रहे हैं और अपनी मंशा में कामयाब हो बच्चों व बच्चियों की तस्करी कर देश के महानगरों के लिए ले जा रहे हैं. हाल के दिनों में उनकी सक्रियता इतनी यहां बढ़ गयी है कि उनपर रोकथाम के लिए काम करने वाली एजेंसियों की नींद हराम हो गयी है. सुदूर गांवों तक उनका जाल फैला हुआ है और मासूम लोग इनके झांसे आ जा रहे हैं. 15 दिनों के अन्दर छह तस्करों पर मुकदमा हुआ है और उनपर कार्रवाई की गयी है. वहीं दो दर्जन से अधिक बच्चों को विभिन्न ट्रेनों से उतारकर उन्हें विमुक्त किया गया है. हालत यह है कि कहीं पढ़ाने के नाम पर बच्चों को गुजरात भेजा जा रहा है तो कहीं बेहतर जीवन का सपना दिखाकर मुम्बई, दिल्ली, व बंगलौर भेजा जा रहा है. अभिभावकों को पांच से सात हजार रुपये तस्कर देते हैं और उसे अपने साथ ले जाते हैं. मावन तस्करों पर नजर रखने लिए चाइल्ड लाइन सहित कई सरकारी व गैर सरकारी एजेंसियां काम कर रही हैं. रेलवे स्टेशन पर जीआरपी के सहयोग से बच्चों को उतारा जाता है. वहीं सीमा पर एसएसबी के साथ प्रयास जुबेनाइल एड सेंटर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही है. इनके सहयोग से तस्कर भी लगातार पकड़े जा रहे हैं. आरती कुमारी, जिला परियोजना समन्वयक, प्रयास जुबेनाइल एड सेंटर ने बताया कि हाल के दिनों में मानव तस्कर यहां काफी सक्रिय हो गये हैं. जहां भी सूचनाएं मिल रही है, प्रशासन के साथ पूरी टीम पहुुंच अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही है.
मानव तस्करों के लिए सेफजोन बना सीमावर्ती इलाका
सुदूर गांवों तक उनका जाल फैला हुआ है और मासूम लोग इनके झांसे आ जा रहे हैं. 15 दिनों के अन्दर छह तस्करों पर मुकदमा हुआ है और उनपर कार्रवाई की गयी है.
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