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ग्रामीणों ने चंदा कर खैराघाट पर किया चचरी पुल का निर्माण

पचरूखा पूर्वी पंचायत स्थित सिकरहना नदी के खैरा घाट पर डेढ़ लाख की लागत से ग्रामीणों ने चचरी पुल का निर्माण किया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 3, 2024 10:08 PM

बंजरिया.प्रखंड क्षेत्र के पचरूखा पूर्वी पंचायत स्थित सिकरहना नदी के खैरा घाट पर डेढ़ लाख की लागत से ग्रामीणों ने चचरी पुल का निर्माण किया. जिसके बाद रविवार सुबह से आवागमन शुरू हो गया. उक्त जगह पर चचरी पुल निर्माण के लिए ग्रामीणों ने गांव में चंदा एकत्रित की. जिसके बाद 15 – 16 दिन मजबूर व ग्रामीणों के मेहनत मजदूरी के बाद उक्त पुल बनकर तैयार हुए. पुल का निर्माण होने से खैराघाट, अजगरवा, मोतिहारी सदर प्रखंड के आधा दर्जन गांव सहित अन्य कई गांव के लोगों को जिला मुख्यालय आने जाने में काफी सहूलियत होगी. उक्त चचरी पुल बनने के बाद गांव से प्रखंड व जिला मुख्यालय की दूरी कम हो गयी. पहले उक्त गांव के लोग जटवा होते हुए करीब 18 से 20 किमी व लखौरा होकर 25 से 30 किमी की दूरी तय कर जिला मुख्यालय आते – जाते थे. जो अब चचरी पुल के सहारे 9 से 10 किमी ही दूरी तय करनी पड़ेगी. पुल बनाने के लिए ग्रामीणों के द्वारा बांस सहयोग किया गया, जबकि रस्सी, तार, कांटी सहित अन्य सामग्री का खरीदारी की. वहीं चचरी पुल का निर्माण करने में 15 से 16 दिनों तक लगातार मजदूरों ने मेहनत की हैं. स्थानीय ग्रामीण लहवर मुखिया ने बताया कि चंदा एकत्रित कर चचरी पुल का निर्माण करते हैं. जून – जुलाई में नदी में पानी बढ़ने के साथ चचरी पुल बह जाता है. जिसके बाद करीब चार से पांच माह क्षेत्र के लोग जटवा व लखौरा होकर अधिक दूरी तय कर जिला मुख्यालय आवागमन करते हैं.

स्कूली छात्र- छात्राओं के साथ मरीजों को होती है परेशानी

ग्रामीणों ने बताया कि उक्त जगह पर पुल का निर्माण नहीं होने से ग्रामीण छात्र – छात्राएं को ऊंची शिक्षा व परिवार के सदस्य का रात में तबीयत बिगड़ने पर काफी परेशानियां का सामना सहना पड़ता है. समय पर इलाज नहीं होने पर बीमार रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. पुल का निर्माण नहीं होने से छात्राएं को ऊंची शिक्षा में भी बाधाएं आ रही हैं, जिसके कारण छात्राएं मायूस होकर पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर हो जा रही है. चचरी पुल निर्माण के बाद छात्राएं पढ़ाई करने जिला मुख्यालय जाती हैं, जब पुल बह जाता है तो पढ़ाई छोड़ना पड़ता है.

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