मोतिहारी. लोक आस्था का महापर्व चैती छठ पर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हो गया. छठव्रतियों द्वारा जल में गंगाजल डालकर स्नान किया गया. साफ- कपड़े नहने गये, उसके बाद अरवा चावल, सेंधा नमक, चने का दाल, लौकी की सब्जी, धनिया एवं आंवला का चटनी खा कर इस व्रत का शुभारंभ किया गया. शनिवार यानि 13 अप्रैल को व्रतियों द्वारा पूरे दिन निराहार रह कर शाम में खरना का पूजा किया जायेगा. इसमें गुड़ से बने खीर, केला, मुली एवं घी में बने रोटी का महाप्रसाद छठी मईया को अर्पित किया जायेगा. परिवार के अन्य सदस्य छठी मईया को प्रणाम कर प्रसाद ग्रहण करेंगे. उसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा. व्रतियों द्वारा 14 अप्रैल को संध्याकालिन अर्ध्य दिया जायेगा. वहीं सोमवार को व्रति उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देकर पारण करने के बाद यह पर्व समाप्त हो जायेगा. इधर व्रत को लेकर आज भी गेहूं सूखाने एवं पिसवान का कार्य जारी था.लोग आज भी व्रत को लेकर खरीदारी करते नजर आये. गर्मी के कारण अधिकांश व्रतियों द्वारा छतों पर घाट बनाने की प्रक्रिया जारी है. बताया जाता है कि गर्मी के कारण बहुत से व्रतियों द्वारा घाटों पर जाना संभव नहीं हो पा रहा है. वैसे व्रतियों के परिजनों द्वारा छत पर ही घाट बनवाया जा रहा है. डायबिटीज के प्रसिद्ध चिकित्सक आरकेपी शाही ने बताया कि डायबिटीज के मरीज जो छठ व्रत करती है, सह खरना एवं संध्याकालीन अर्ध्य के दिन दवा नहीं खा सकती है, तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी. लेकिन ब्लड प्रेशर वाले व्रती खरना एवं संध्याकालीन अर्ध्य के दिन दवा ले सकती है, अन्यथा परेशानी हो सकती है. इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है. वहीं फिजिसियन डॉ डी नाथ का कहना है कि मर्ज के अनुसार व्रती दवा ले सकते है. मिशाल के तौर पर डायबिटीज एवं ब्लड प्रेसर बढ़ा हो तो वैसे व्रति दवा ले सकते है, जबकि समान्य हो तो खरना एवं संध्याकालीन अर्ध्य के दिन दवा नहीं भी ले सकते है, तो कोई परेशानी नहीं होगी.
नहाय-खाय के साथ चैती छठ व्रत प्रारंभ
क आस्था का महापर्व चैती छठ पर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हो गया.
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