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कानूनी हस्तक्षेप से ही नियंत्रित हो सकता है बाल विवाह

सामाजिक कुरीतियों पर लगाम लगाने को लेकर काम कर रही गैर सरकारी संस्था प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर के बाल विवाह के मामले में उल्लेखनीय कार्रवाई की गयी है.

रक्सौल.पूर्वी चंपारण जिले में बाल विवाह, मानव तस्करी, बाल श्रम आदि सामाजिक कुरीतियों पर लगाम लगाने को लेकर काम कर रही गैर सरकारी संस्था प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर के बाल विवाह के मामले में उल्लेखनीय कार्रवाई की गयी है. इसकी जानकारी देते हुए प्रयास संस्था की जिला समन्वयक आरती कुमारी ने बताया कि वर्ष 2023-24 में कुल 50 बाल विवाह को संस्था और प्रशासन के सहयोग से रोका गया है. साथ ही, उन्होंने बताया कि कानूनी हस्तक्षेप से ही इस सामाजिक कुरीति पर रोक लग सकती है. उन्होंने बताया कि 2030 तक बाल विवाह को पूरी तरह से समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर और चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड 2030 तक देश से बाल विवाह के खात्मे के लिए काम कर रहे बाल विवाह मुक्त भारत के सहयोगी संगठन के तौर पर साथ हैं. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे -5 के अनुसार पूर्वी चंपारण में बाल विवाह की दर संख्या 41% प्रतिशत में थी जबकि राष्ट्रीय औसत 23.3 है. संगठन ने सरकार से अपील की कि वह अपराधियों को सजा सुनिश्चित करे ताकि बाल विवाह के खिलाफ लोगों में कानून का भय पैदा हो सके. हम लोगों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता के प्रसार के साथ यह सुनिश्चित करने के अथक प्रयास कर रहे हैं कि परिवारों और समुदायों को समझाया जा सके कि बाल विवाह अपराध है. साथ ही, जहां बाल विवाहों को रुकवाने के लिए समझाने बुझाने का असर नहीं होता, वहां हम कानूनी हस्तक्षेप का भी इस्तेमाल करते हैं. कानून पर अमल बाल विवाह के खात्मे की कुंजी है और हम सभी को साथ मिलकर इस पर अमल सुनिश्चित करने की जरूरत है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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