बाल तस्करी गंभीर अपराध: कात्यायनी
बाल तस्करी एक गंभीर अपराध है और हमारे देश के कई हिस्सा में हो रहा है जो काफी गंभीर मामला है.
मोतिहारी. बाल तस्करी एक गंभीर अपराध है और हमारे देश के कई हिस्सा में हो रहा है जो काफी गंभीर मामला है. विकसित भारत का लक्ष्य तभी पूरा होगा,जब हम सामाजिक स्तर पर सभी प्रशासनिक हितधारकों के साथ मिलकर इस समस्या पर काबू पायेंगे. उक्त बातें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली के वरीय सलाहकार कात्यायनी आनंद ने श्कुक्रवार को जिला बाल बाल कल्याण समिति द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही. बाल तस्करी से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला और प्रावधानो की विस्तार से जानकारी दी. कहा कि खुले सीमावर्ती क्षेत्रों में मानव तस्करों के लिये बाल तस्करी आसान हो जाती है. सीमावर्ती जिलों में ’बाल तस्करी से आजादी,कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.पू र्वी चंपारण भी सीमावर्ती जिला में आता है जहां मानव व बाल तस्करी की शिकायतें अधिक मिलती रहती है. इस अवसर पर डीएम सौरभ जोरवाल ने बाल तस्करी से जुड़े मामलों को रेखांकित किया और कहा कि इसके लिए जागरूकता जरूरी है. बच्चे के मिसिंग होने की तुरंत सुचना संबंधित थानाें को दी जानी चाहिए. मिसिंग का शुरूआती समय जो हाता है वह काफी महत्वपूर्ण होता है और उसे गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया जाना चाहिए. बाल कल्याण समिति के सदस्यों से कहा कि सभी लोग अपने क्षेत्र में सक्रिय रहें और थाना से संपर्क बनाए रखें. बच्चों की सुरक्षा का दायित्व उसके अभिभावक के साथ-साथ समाज का भी है. हम सभी इसी समाज के अंग हैं. प्रत्येक बच्चे का सर्वांगीण विकास जरूरी है और यह सुनिश्चित करना होगा. मौके पर उपविकास आयुक्त समीर सौरभ,जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक आदि ने अपने अपने विचार व्यक्त किये.
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