जिले में मोटे अनाज व बाजरा की होगी खेती
खाद्य एवं पोषण सुरक्षा (कृषोन्नति योजना कार्यक्रम के तहत न्यूट्री सीरियल (मिलेट्स) ज्वार, बाजरा, मरूआ, कोदो या सावा की खेती का लक्ष्य मिला है.
मोतिहारी.जिले के किसान न्यूट्री सीरियल (मिलेट्स) फसल की खेती करेंगे. खाद्य एवं पोषण सुरक्षा (कृषोन्नति योजना कार्यक्रम के तहत न्यूट्री सीरियल (मिलेट्स) ज्वार, बाजरा, मरूआ, कोदो या सावा की खेती का लक्ष्य मिला है. विभाग किसानों को मिलेट्स की खेती के लिए शत प्रतिशत अनुदान पर बीज मुहैया करायेगा. इसको ले जिला स्तर से प्रखंडों को विभिन्न घटको का बीज वितरण लक्ष्य का प्रखण्डवार विखण्डित करते हुए लक्ष्य तय किया गया है. डीएओ प्रवीण कुमार ने सभी बीएओ को प्रखंड को प्राप्त लक्ष्य के अनुरूप पंचायतवार लक्ष्य विखंडीकरण करते हुए सूचना कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. वही कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार के माध्यम से विभागीय मार्गदर्शन के आलोक में योजना के कार्यान्वयन में सहयोग करने को कहा है. विभाग से मिलेट्स की खेती कलस्टर में करना का आदेश है. करीब 25 एकड़ का एक कलस्टर होगा, चयनित किसी भी राजस्व ग्राम में कम से कम एक कलस्टर में खेती करना अनिवार्य किया गया है. विभाग से लाभुकों के चयन में आरक्षण रोस्टर भी तय है. इनमें सामान्य जाति 78.60 प्रतिशत, अनुजाति 20 प्रतिशत व जनजाति 01.40 प्रतिशत कोटिवार निर्धारण करते हुए ही बीज वितरण करना है.जिला कृषि परामर्शी डॉ मुकेश कुमार ने कहा कि पोषक अनाज यानी न्यूट्री सीरियल में मुख्य रुप से कोदो, सांवां, सामी, गुंदली, ब्राउन टॉप मिलेट, मडुवा, ज्वार, बाजरा आदि आता हैं. जिसमें खनिज लवण, विटामिंस एवं प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पायी जाती है. साथ ही इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण अधिक गुणकारी भी है. इनमें ग्लूटेन भी नहीं पाया जाता है. इस कारण इनको मुख्य अनाजों जैसे चावल, गेहूं, मक्का से अधिक पोषक एवं स्वास्थ्य वर्द्धक बनाता है. मिथेन गैस के कुल उत्सर्जन का 14 प्रतिशत सिर्फ धान का फसल उत्सर्जित करता है. उसके बदले न्यूट्री सीरियल की खेती किया जाए तो मिथेन गैस का उत्सर्जन भी कम होगा. किसानों को धान से ज्यादा आमदनी मिलेगी.
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