मौसम में बदलाव के संकेत, 25 दिसंबर के बाद सर्दी बढ़ने की संभावना
21 से 25 दिसंबर के बीच उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल रहने के अनुमान है.
मोतिहारी. मौसम में बदलाव के असार है. आगामी 25 दिसंबर के बाद सर्दी बढ़ सकती है. ग्रागीण कृषि मौसम विभाग डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा ने ठंडी बढ़ने की संभावना जताया है. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 21 से 25 दिसंबर के बीच उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल रहने के अनुमान है. ऐसे में मौसम के शुष्क रहेगा. इस दौरान अधिकतम तापमान 24 से 27 डिग्री व न्यूनतम तापमान 5-7 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. वही 25 दिसंबर के बाद मौसम करवट ले सकता है. न्यूनतम तापमान में गिरावट के साथ ठंड के बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है. मौसम वैज्ञानिकों ने आगामी मौसम में बदलाव को देखते हुए किसानों को खेती कार्य को ले सलाह दिया है. इनमें खेत में लगे सब्जी फसल की निकाई-गुनाई व आवश्यकतानुसार सिंचाई करने की नसीहत दी है. वही हरी सब्जियों में मटर, टमाटर, बैगन में फल छेदक कीट का प्रकोप दिखने पर स्पिनोलेड 45 ईसी एक मिली. प्रति ली. पानी या कयीनलफॉस 25 ईसी. का डेढ़ से दो मिली. प्रति लीटर की दर से छिड़काव करने का सलाह दिया है.
गेहूं फसल में खर-पतवार नियंत्रण को करे उपाय
गेहूं की 21-25 दिनों की फसर में प्रति हेक्टेयर 33 किलोग्राम नेत्रजन उर्वरक का व्यवहार करने और पहली सिंचाई के बाद गेहूं की फसल में कई प्रकार के खर-पतवार उग आते है. इन सभी प्रकार के खरपतवारों के नियंत्रन के लिए सल्फोसल्फयुरीन 33 ग्राम प्रति हेक्टर व गेटसल्फयुरीन 20 गाम प्रति हेक्टर का 500 लीटर पानी में मिलाकर खड़ी फसल में छिड़काव करने की सलाह दी है. वही गहूं की पछात किस्मों की बुआई के लिए एचयूड 234, ब्लू०आर० 544, एचआई. 1563, राजेंद्र गेहूं- एच 2987 व एनडब्लू. 2045 किस्म को प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम बेवीस्टीन की दर से पहले उपचारित कर बुआई करने की नसीहत दी है.मक्का व आलू फसल की निकौनी की सलाह
अगात बुआई के रबी मरका की 50-60 दिनों की फसल में 50 किलोग्राम नत्रजन का उपरिवेशन कर मिट्टी चढ़ाने का कार्य करने सहित फसल में नियमित रुप से कीट एवं रोग-व्याधी की निगरानी करने की सलाह दी है. वही आलू की फसल में निकौनी कर प्रति हेक्टेयर 75 किलोग्राम नेत्रजन उर्वरक का उपरिवेशन कर आलू में मिट्टी चढ़ाने का कार्य सहित आलू में कीट व्याधी की निगरानी करने का सलाह दिया है.
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