Crime News: बिहार के मोतिहारी में शिक्षा विभाग के BRP अभिनन्दन पांडेय की हत्या ने पुलिस की लापरवाही और पारिवारिक विवादों को उजागर किया. पहले पुलिस ने इस घटना को सड़क दुर्घटना मानते हुए पोस्टमार्टम के लिए शव को अस्पताल भेजा. लेकिन जब डॉक्टर ने शव का निरीक्षण किया, तो गोली के निशान पाए गए, जिससे यह मामला सड़क दुर्घटना के बजाय हत्या का साबित हुआ.
सड़क दुर्घटना का भ्रम
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी शुरुआत में सड़क दुर्घटना का जिक्र था, जिसे बाद में बदलकर हत्या के रूप में दर्ज किया गया. इस दौरान मृतक के परिवार ने भी इसे दुर्घटना ही माना. हालांकि, हत्या की सच्चाई तब सामने आई जब डॉक्टर ने शरीर से एक राइफल की गोली निकाली.
सगा भाई भी था शामिल
हत्या के कारणों का जल्द ही पता चला, और एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देशन में एसआईटी ने मामले की त्वरित जांच शुरू की. पता चला कि मृतक के सगे भाई ने पैतृक संपत्ति अपनी पत्नी के नाम करवा ली थी, और यह विवाद हत्या का मुख्य कारण था. इसके साथ ही मृतक के चचेरे भाई ने भी जमीन के विवाद में अपनी भूमिका निभाई थी.
हत्या की साजिश
ग्रामीणों के अनुसार, चचेरे और सगे भाई ने मिलकर हत्या की साजिश रची थी. मृतक की पत्नी भी यह मानती है कि इन दोनों ने मिलकर उनके पति की हत्या करवाई. गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पुलिस अब शूटर की तलाश में जुटी हुई है.
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पुलिस की सक्रियता
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी भाईयों को गिरफ्तार किया और मामले की तफ्तीश में तेजी लाने के लिए एसआईटी और एफएसएल टीम का गठन किया. इस हत्याकांड ने पुलिस के कार्यप्रणाली और परिवारों के बीच संपत्ति विवादों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.