मोतिहारी शहर के बीचों बीच बहने वाली धनौती नदी 250 से 40 फीट में सिमटी

धनौती नदी अब अतिक्रमणकारियों की बाहों में लगभग समाहित हो गयी है, जिसके कारण उक्त नदी अब नालों में तब्दील होने लगी है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 20, 2024 6:27 PM

मोतिहारी.कभी अपने लहरों पर गुमान करने वाली शहर के बीचों बीच बहने वाली धनौती नदी अब अतिक्रमणकारियों की बाहों में लगभग समाहित हो गयी है, जिसके कारण उक्त नदी अब नालों में तब्दील होने लगी है. जिससे अब इस नदी के अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है. नदी के ऊपर बने रघुनाथपुर पुल से, गंदगी से बजबजाती इस नाम मात्र के नदी से बदबू को आप महसूस कर सकते हैं. इस पुल के पास से एक कच्चा रास्ता नदी के पास उतरता है, जहां एक मंदिर है. स्थानीय लोग व मंदिर के पुजारी ने बताया कि हमने जब नदी को देखा तब ये यहां 250 फीट चौड़ी थी, अब महज 40 फुट रह गयी है. दोनों तरफ से जमीन पर मिट्टी भर कर मकान बनवा रहे है और कोई सरकार कुछ नहीं कर रही है. वहीं पास में एक खड़े व्यक्ति ने बताया कि पहले यह कठई पुल था, जिस पर खड़े होकर नदी में कुद-कुद कर हमलोग नहाया करते थे. कपड़ा भी इसमें धोया है लेकिन अब तो इसका पानी छू भी नहीं सकते हैं. सदर अंचल, तुरकौलिया व बजंरिया क्षेत्र में पड़ने वाली धनौती नदी को पैमाइश कर अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश तत्कालीन डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने दिया था, जिसमें एसडीओं, सीओ मोतिहारी, तुरकौलिया व बजंरिया शामिल थे. इसके अलावे चार अमीन व कर्मचारी भी थे. तत्कालीन अमीन राज कुमार(वर्तमान केसरिया) में पदस्थापित ने बताया कि लुटहा से लेकर बलुआ ओवर ब्रिज के समीप तक सीमा है. पैमाईस कर चिन्ह लगाते हुए सभी को नोटिस किया गया था सहित अन्य बाते कही. यह वहीं धनौती नदी है जिसको लेकर 12 जनवरी को बिहार के सूचना जनसंपर्क विभाग ने एक ट्वीट कर अपनी पीठ थपथपाई है. ट्वीट के मुताबिक 80 किमी. लंबी धनौती नदी का सफल कायाकल्प किया गया है, जिसके लिए पूर्वी चंपारण को राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 के सर्वश्रेष्ठ जिले (पूर्वी जोन) के तौर पर राष्ट्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने सम्मानित किया है. सदर अंचल के सीओ संध्या कुमारी ने कहा कि संबधित मामले की जांच की जाएगी व नदी को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा.

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