जिप सदस्य सुरेश को दिलरंजन व हरिशंकर ने मारी गोली

शहर के चांदमारी चौक सोसाइटी कॉम्प्लेक्स में जिप सदस्य सुरेश यादव के आने से 20 मिनट पहले चारों अपराधी पहुंच चुके थे.

By Prabhat Khabar Print | June 29, 2024 10:21 PM

मोतिहारी.शहर के चांदमारी चौक सोसाइटी कॉम्प्लेक्स में जिप सदस्य सुरेश यादव के आने से 20 मिनट पहले चारों अपराधी पहुंच चुके थे. दिलरंजन व हरिशंकर बाइक से उतर कॉम्प्लेक्स के आसपास मंडरा रहा था, जबकि लक्की हनुमान मंदिर के पीछे बाइक लगा कर खड़ा था. जिप सदस्य सोसाइटी कम्पलेक्श में पहुंचे. परिचितों से कुछ देर तक बातचीत की. उसके बाद कम्पलेक्श से बाहर निकल जैसे ही अपनी ब्रेजा कार के पास पहुंच गेट खोला, वैसे ही घात लगाये बदमाशों ने उसके पास जाकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. दिलरंजन व हरिशंकर ने दो पिस्टल से तीन गोली जिप सदस्य को दागी, उसके बाद दौड़ कर बाइक के पास गये. उसपर बैठ तीनों चांदमारी मोहल्ला में घुस गये. इस बात का खुलासा गिरफ्तार हरिशंकर ने किया है. उसने पुलिस को बताया है कि जिप सदस्य की हत्या के लिए दिलरंजन ने की प्लानिंग की थी. उसने कहा था कि हत्या के बाद दस लाख रुपये मिलेगा. उसने यह भी बताया है कि घटना से पहले या घटना के बाद भी उसे एक पैसा नहीं मिला. दिलरंजन यह कह कर फरार हो गया कि अभी मामला गरम है. मामला ठंडा होने पर पैसा मिलेगा. पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार हरिशंकर व सुदामा सहनी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस का कहना है कि दिलरंजन की गिरफ्तारी के बाद हत्या के कारणों पर मुख्य षड्यंत्रकर्ताओं का चेहरा बेनकाब होगा. बताते चले कि बुधवार दोपहर 3.40 बजे चांदमारी चौक सोसाइटी कम्पलेक्श के ठीक सामने जिप सदस्य सुरेश यादव की अपराधियों ने गोली मार हत्या कर दी थी. घटना के 24 घंटे के अंदर पुलिस ने हत्यारों की पहचान कर दो अपराधियों को हत्या में प्रयुक्त पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया, लेकिन हत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है.

जिप सदस्य हत्याकांड का मोहरा है दिलरंजन, चाल किसी और ने चली

पुलिस का कहना है कि जिप सदस्य सुरेश हत्याकांड का प्लानर दिलरंजन दूबे मोहरा है. इस हत्याकांड के पीछे मास्टर माइंड कोई और है. जिसने दिलरंजन को जिप सदस्य की हत्या के लिए उकसाया. उसे दस लाख रुपये देने को कहा. दिलरंजन की गिरफ्तारी के बाद ही मास्टर माइंड का चेहरा बेनकाब होगा. परिजनों का कहना है कि सुरेश को किसी से जमीन का विवाद नहीं था. न ही पैसे की लेनदेन को लेकर ही किसी से मनमुटाव था. ऐसे में हत्या का एक कारण बचता है, राजनीति में सुरेश का बढ़ता कद. पुलिस जमीन व पैसे की लेनदेन के विवाद के अलावा इस बिंदु पर तहकीकात कर रही है कि आखिर सुरेश की हत्या से किसको राजनीति लाभ मिल सकता था. वह राजनीति में किसके आंख का काटा बना हुआ था.

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