किसानों को नहीं मिल रहा राजकीय नलकूपों का लाभ

खरीफ सीजन में 80 फीसदी धान की रोपनी के बाद सूखे का दंश झेल रहे किसानों के खेत तक नलकूप का पानी नहीं पहुंच रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 27, 2024 10:35 PM

मधुबन.खरीफ सीजन में 80 फीसदी धान की रोपनी के बाद सूखे का दंश झेल रहे किसानों के खेत तक नलकूप का पानी नहीं पहुंच रहा है.कागज के नाव पर नलकूप विभाग दौड़ रहा है. प्रखंड के 50 राजकीय नलकूपों में 5 नलकूपों का कमांड एरिया पहले ही खत्म हो चुका है.शेष बचे 45 में 6 नलकूपों भी मृत प्राय घोषित होने के इंतजार में है.नलकूप विभाग के दावों में 15 राजकीय नलकूप चालू है.24 नलकूप बंद अब भी है.सरकार द्वारा राजकीय नलकूप के रखरखाव व सुचारू संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के मुखिया को सौंपा गया था.वह भी वर्तमान समय में सफल होता नहीं दिख रहा है.ऐसे में लोग निजी सिचाई व्यवस्था से सूख रहे धान के पपौधों को बचाने की कवायद कर रहे हैं.

चालू 15 नलकूपों से चैनल के अभाव में खेत तक नहीं पहुंच रहा पानी:

नलकूप विभाग द्वारा दी गयी सूची के अनुसार प्रखंड के बंजरिया फेज 8, बंजरिया पूर्वी फेज 3, बंजरिया पश्चिमी फेज 3, मोहनवा पुराना, इनरवा पुराना, गुरमिया पुराना,दुलमा पुराना,बाकी टीकम, माधोपुर पुराना, कसबा पुराना,गुलाबखान पुराना, माधोपुर पुराना 2, माधोपुर पुराना 8 चालू है.इन सभी चालू नलकूप के चैनल ध्वस्त होने के कारण किसानों के खेत पानी नहीं पहुंच पा रहा है.

27 प्रखंड में 5 जेई

27 प्रखंड व छह अनुमंडल वाले पूर्वी चम्पारण जिले में एक एसडीओ व 5 जेई के भरोसे नलकूप विभाग खरीफ सीजन में नलकूप चालू करने की कवायद कर रहा है.जिसका नतीजा सिफर है.एक जेई को छह को छह प्रखंड का प्रभार देकर कार्य कराया जा रहा है.

क्या कहते हैं अधिकारी:

तकनीकी कारणों,चैनल के अभाव व ऑपरेटर के कमी के कारण नलकूप बंद है. जिन मुखिया के द्वारा कार्य नहीं कराया जा सका है. उनसे राशि वापस लेने व विभाग अपने स्तर नलकूप चलाने की तैयारी में विभाग जुटा है.

प्रमोद कुमार, कनीय अभियंता, नलकूप विभाग

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