मधुबन. पिछले कई दिनों की भीषण गर्मी के बाद मौसम में आयी परिवर्तन के बाद किसान धान की खेती की तैयारी में जुट गये है .धान उत्पादन के लिये प्रसिद्ध मधुबन व आसपास के इलाके किसान बीज की खरीददारी के साथ बिचड़े लगाने के लिये नर्सरी की तैयारी में जुट गये है. मानसून के केरल के तट तक पहुंचने की सूचना पर किसान भी अपनी तैयारी शुरू कर चुके हैं. कृषि विभाग के अनुसार 20 से 25 जून तक आगात प्रभेद के धान के लिये बिचड़ा गिराने का उपयुक्त समय माना जाता है. उसके बाद गिरने वाले बिचड़े पीछात प्रभेद में आते है.अब अधिकांश किसान मौसम के बदलते परिवेश में आगात प्रभेद के हाइब्रिड धान की ही खेती करने पर जोर दे रहे हैं. अगहनी धान की खेती अब नगण्य हो चुकी है. मौसम व जलवायु परिवर्तन के बीच कृषि विभाग अब किसानों को ऊंची भूमि पर धान की जगह मक्का व मोटे अनाज की खेती के लिये प्रेरित कर रहे रही है. जिससे किसान की आर्थिक स्थिति ठीक रहे. सरकार मोटे अनाज खासकर मड़ुआ इत्यादि फसलों के लगाने के लिये बीज पर अनुदान दे रही है. बीएओ प्रभात ने बताया कि अल्प कम बारिश के मद्देनजर किसानों को मक्के की खेती के ऊंचे भूमि लगाने के लिये नुदानित दर बीज उपलब्ध कराया जा रहा है. मोटे अनाज की खेती के लिये भी जागरूक किया जा रहा है. विभाग द्वारा जो बीज प्राप्त है उसका वितरण किया जा रहा है. अब तक मधुबन इलाके में 63.30 एमएम की बारिश हुई है.जो बिचड़े गिराने के लिये प्रयाप्त नहीं है. आगात प्रभेद के बीज किसान औछार करके गिरा सकते हैं.
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