प्रसंस्कृत किस्म के आलू की खेती करेंगे किसान
पूर्वी चंपारण के किसान अब प्रसंस्कृत आलू की खेती करेंगे. सरकार ने प्रसंस्कृत आलू खेती की योजना बनायी है.
मोतिहारी.पूर्वी चंपारण के किसान अब प्रसंस्कृत आलू की खेती करेंगे. सरकार ने प्रसंस्कृत आलू खेती की योजना बनायी है. इस योजना के तहत सरकार के किसानों को प्रसंस्कृत किस्म के आलू के उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक में मदद करेगी. किसानों को प्रसंस्कृत आलू की नविन तकनीक से खेती के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा. इसके साथ ही प्रसंस्कृत आलू के बीज भी मुहैया कराया जायेगा. किसान अपने खेतों में प्रसंस्कृत आलू उपजायेंगे, सरकार की एजेंसी किसानों से उनके आलू उत्पाद को दस रुपये किलो की दर से खरीद लेगा. इस प्रसंस्कृत आलू खेती के कार्य योजना का संचालन की जिम्मेवारी बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजनान्तर्गत तिरहूत सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघ लिमीटेड को मिला है. वेजफेड के अध्यक्ष अमित कुमार शुक्ला ने बताया कि इसके लिए प्रखंड स्तरीय पीभीसीएस अध्यक्ष से चयनित किसानों की सूची की मांग की गयी है. कहा कि प्रति पीभीसीएस में पांच एकड़ में प्रसंस्कृत किस्म की आलू की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए प्रति एकड़ 2 किसानों को प्रसंस्कृत बीज मुहैया कराया जायेगा. कहा कि इससे किसानों को अत्यधिक आर्थिक लाभ होगा. इन पांच जिले में भी होगी खेती बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजनान्तर्गत तिरहूत सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघ लिमिटेड पूर्वी चम्पारण के कार्य क्षेत्र में 8 जिले है. इनमें पूर्वी चम्पारण के अलावा पश्चिम चम्पारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज, सीवान, सारण हैं. इन सभी जिलों में कूल प्रस्तावित पीभीसीएस की संख्या 136 एवं रजिस्टर्ड पीभीसीएस की संख्या 121 है. वही किसान सदस्यों की संख्या 16 हजार 517 हैं. प्रत्येक पीभीसीएस के दो किसान को प्रसंस्कृत किस्म के आलू की खेती के लिए बीज मुहैया कराया जायेगा. चिप्स, पाउडर सहित तैयार होगा आठ प्रोडक्ट बिहार में आलू की उपज 7.74 मिलियन टन है. जिसमें से एक प्रतिशत से ही कम ही आलू प्रसंस्कृत होता है. जबकि प्रसंस्कृत किस्म के आलू की खेती की अपार संभावना है. प्रसंस्कृत किस्म के आलू से 8 तरीके का विभिन्न उत्पाद चिप्स, प्लैक्स, पाउडर, फेन्च फ्राई, फिगर चिप्स आदि बनते हैं.
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