मोतिहारी. सदर अस्पताल में तैनात महिला चिकित्सक रोस्टर के अनुसार ड्यूटी नहीं करती हैं. एक दिन में 24 घंटे की ड्यूटी कर सात दिनों के लिए आराम करती हैं. फिर अगले सप्ताह ही उनसे मुलाकात होती है. जबकि सदर अस्पताल में सात महिला चिकित्सक तैनात हैं. सातों ने अपनी-अपनी ड्यूटी दिनों के अनुसार चयन करती हैं. फिर आपसी सहमति से उस दिन का रोस्टर तय कर उसी के अनुसार काम करती हैं. हाल ही में एक पड़ताल के दौरान पाया गया कि एक महिला चिकित्सक की ड्यूटी थी, लेकिन वह घर पर आराम कर रही थी. ड्यूटी पर डीएनबी की छात्रा एवं स्टाफ नर्स तैनात थी. जब उनसे पूछा गया कि महिला डॉक्टर कहां हैं तो बताया गया कि मातृ-शिशु अस्पताल में ओपीडी कर रही है. वहां जाने पर पता चला कि वह ऑपरेशन में है, फिर ऑपरेशन थियेटर में बताया गया कि पीकू वार्ड में गयी है. वहां भी मैडम से मुलाकात नहीं हुई. मैडम घर पर थी. वे महज एक घंटे के लिए आयी संबंधित डीएनबी व स्टाफ नर्सों को आवश्यक दिशा-निर्देश देकर घर चली गयी. जाते-जाते कहती गयी कि कोई इमरजेंसी आये तो ऑन कॉल कर बुला लीजिएगा. उसके बाद गयी तो फिर उनसे अगले सप्ताह ही मुलाकात हुई.यानि एक दिन में सुपर मैन की तरह ओपीडी, ऑपरेशन, पीकू वार्ड सभी देख लेती हैं, फिर अगले सप्ताह ही उनकी ड्यूटी होती है. नियम के अनुसार दोनों शिफ्टों में अलग-अलग महिला चिकित्सकों की ओपीडी में ड्यूटी है. इन्हीं दोनों शिफ्टों में इमरजेंसी आये, उसे देखना फिर ऑपरेशन के लिए अलग से कॉल कर महिला डॉक्टरों को बुलाना पड़ता है. लेकिन यहां एक दिन में एक ही चिकित्सक सभी काम कर लेती है. यूनानी चिकित्सक लिखते हैं अंग्रेजी दवा सदर अस्पताल के महिला ओपीडी में यूनानी चिकित्सक ही मरीजों को देख रहे हैं और अंग्रेजी दवा लिख रहे हैं. जबकि यूनानी चिकित्सकों को यूनानी दवा ही लिखनी चाहिए. क्या कहते हैं अधिकारी इस तरह की परिपाटी ठीक नहीं है. अगर ऐसा है तो गंभीर है. मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी. डॉ विनोद कुमार सिंह, सीएस, पूचं
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