मोतिहारी.जिले के कोटवा की एक महिला अभ्यर्थी की ओर से फर्जी इडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र देने के मामले में महिला अभ्यर्थी और प्रमाणपत्र जारी करने वाली कोटवा सीओ मोनिका आनंद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी मुजफ्फरपुर कोर्ट के जज इंचार्ज एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से दिये गये आवेदन पर मुजफ्फरपुर नगर थाने में दर्ज की गयी है. महिला अभ्यर्थी जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुजफ्फरपुर के ऑफिस में योगदान देने पहुंची थी. वहां फर्जी प्रमाण पत्र का मामला उजागर हुआ. वह प्रमाण पत्र कम्यूटराइज्ड न होकर मैन्यूअल बना था. जानकारी के अनुसार आवेदन में कहा गया है कि न्यायाधीश के ऑफिस में संजीदा खातून नाम की महिला अभ्यर्थी योगदान देने पहुंची थी. महिला ने इडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया, जो मैनुअल जारी किया गया था. संदेह होने पर उसका सत्यापन किया गया. प्रारंभिक जांच के क्रम में जारी करने वाले प्राधिकरण ने कहा कि उन्होंने प्रमाण पत्र की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने प्रमाण पत्र को रद्द करने के लिए कोई आगे की कार्रवाई नहीं की. बाद में डीएम के हस्तक्षेप के बाद उस प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया गया. ऐसे में फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने और अवगत कराने के बाद भी उसे रद्द नहीं करने, अभ्यर्थी को अवैध तरीके से प्रमाणपत्र के माध्यम से नियुक्ति के लिए पात्र बनाने के मामले में कोटवा की सीओ मोनिका आनंद, अभ्यर्थी संजीदा खातून और इस प्रमाणपत्र को जारी करने में शामिल अन्य नाजमद के खिलाफ नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इधर सीओ मोनिका आनंद ने बताया कि प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया है.
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