नेपाल के लालबकेया व जानी नदी के बाढ़ का पानी ढाका प्रखंड के सीमावर्ती इलाकों में फैला
लालबकेया एवं जान नदी के बाढ़ का पानी रविवार की सुबह से ढाका प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों के कई गांवों के निचले इलाकों में फैल गया, जिससे उक्त गांव के दर्जनों परिवारों के घरों में पानी घुस गया है.
सिकरहना.
नेपाल के लालबकेया एवं जान नदी के बाढ़ का पानी रविवार की सुबह से ढाका प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों के कई गांवों के निचले इलाकों में फैल गया, जिससे उक्त गांव के दर्जनों परिवारों के घरों में पानी घुस गया है. वही गंवई सड़क व खेत खलिहान पूरी तरह डूब गए है. उक्त दोनों नदियों के सैलाब का पानी भारत नेपाल के बोडर्र पिलर संख्या 347/1 के समीप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है, जिसके कारण ढाका प्रखंड के उत्तरी भाग के बीरता टोला, हीरापुर, गुरहनवा, भवानीपुर, दोस्तिया सहित कई गांव प्रभावित हैं. बीरता टोला, हीरापुर, गुरहनवा गांव के निचले हिस्से में बसे कुछ परिवार अपने मवेशियों के साथ गुरहनवा स्टेशन प्लेटफार्म, हीरापुर विद्यालय सहित उच्चे जगहों पर शरण लिए हुए हैं. वही गुरहनवा से भवानीपुर, गुरहनवा से हीरापुर, हीरापुर से बीरता टोला व भवानीपुर जाने वाली सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा हैं.बाढ़ की पानी से सैकड़ों एकड़ खेत में लगी धान की फसलें पूरी तरह से डूब गई है़. इधर एसडीओ निशा ग्रेवाल ने अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित गांवों एवं क्षेत्रों का भ्रमण किया तथा बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना. एसडीओ ने बताया कि फिलहाल बीरता टोला, हीरापुर एवं गुरहनवा स्टेशन पर कम्युनिटी किचेन चालू करने,बाढ़ पीड़ितों के बीच पॉलीथिन शीट देने तथा यातायात के लिए नाव की व्यवस्था अविलंब करने का निर्देश बीडीओ को दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है