केंद्रीय विवि में महात्मा गांधी के आदर्शों को किया गया नमन
गांधी जयंती के अवसर पर बुधवार को महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और आदर्शों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी.
मोतिहारी.गांधी जयंती के अवसर पर बुधवार को महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और आदर्शों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. यह आयोजन गांधी भवन में हुआ, जहां मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव थे वहीं अतिथि के रूप में प्रो. एसके श्रीवास्तव (पूर्व कुलपति, नेहू विश्वविद्यालय) और प्रो. मज़हर असीफ (प्रोफेसर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली) उपस्थित रहे.अपने संबोधन में कुलपति प्रो. श्रीवास्तव ने महात्मा गांधी की आज की दुनिया में स्थायी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “गांधी जी के सत्य, अहिंसा और स्वच्छता के सिद्धांत केवल अतीत की बातें नहीं हैं, बल्कि एक प्रगतिशील और एकजुट भारत के लिए मार्गदर्शक हैं. उनके स्वावलंबन के दृष्टिकोण से हमें प्रेरणा मिलती है कि हम एमजीसीयू को उत्कृष्टता का केंद्र बनाएं.प्रो. एसके श्रीवास्तव ने महात्मा गांधी की सादगी और विनम्रता का उल्लेख करते हुए युवाओं से उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी का सर्वभ्रातृत्व का संदेश आज की बिखरी हुई दुनिया में अत्यंत महत्वपूर्ण है. हमें अकादमिक और समाज में शांति और समावेशिता को बढ़ावा देना चाहिए.प्रो. मज़हर असीफ ने गांधी जी के एकता और सौहार्द के मूल्यों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का मानवीय एकता में विश्वास सभी विभाजनों से परे था. शिक्षाविदों और नागरिकों के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी विरासत को आगे बढ़ाएं और ऐसी शिक्षा का प्रचार करें जो आपसी सम्मान और संवाद को प्रोत्साहित करे. कार्यक्रम में छात्रों द्वारा राम धुन और अन्य भजनों की सुमधुर प्रस्तुति से हुई. प्रो. प्रसून दत्त सिंह, अधिष्ठाता मानविकी संकाय एवं गांधी भवन परिसर निदेशक, ने सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया.इस अवसर पर डॉ. अनुपम वर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया और डॉ. श्याम झा, अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. समारोह का समापन महात्मा गांधी के शाश्वत सिद्धांतों को अपनाने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ हुआ, जिससे उपस्थित सभी लोगों को एक स्वच्छ, शांतिपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण के लिए प्रेरणा मिली. प्रार्थना सभा में संकाय सदस्यों, छात्रों और प्रशासनिक कर्मचारियों की बड़ी संख्या में भागीदारी रही.
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