26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रैयतों के जमीन की पहचान के साथ सर्वे के दौरान सरकारी भूमि भी होंगे चिह्नित

पुराने खतियान को आधार मानकर सर्वे कार्य किया जा रहा है. इसको लेकर जिले के 1254 अंचलों में ग्राम सभा का आयोजन किया गया है.

वरीय संवाददाता, मोतिहारी.पुराने खतियान को आधार मानकर सर्वे कार्य किया जा रहा है. इसको लेकर जिले के 1254 अंचलों में ग्राम सभा का आयोजन किया गया है, जिसे जन जागरूकता माना जा रहा है. ऑफलाइन व ऑनलाइन प्रपत्र भरने की जानकारी सर्वे शिविर में दिया गया है. सर्वे का मकसद सरकारी रैयत के कब्जे वाले जमीन के साथ सरकारी जमीन को भी चिन्हित करना है. विभाग का कहना है कि ग्राम सभा के बाद जमीन का ब्योरा व वंशावली लेना है. रैयत बंटे और बदले हैं, जो वर्तमान रैयत है और खेतीबाड़ी कर रहे हैं, उसका विवरणी प्रपत्र दो में देना है, जबकि प्रपत्र- 3 एक में वंशावली अपने से बनाकर देना है. वंशावली मान्य सरपंच व स्थानीय कर्मचारी के अंतिम मोहर के बाद होगा. मिली जानकारी के अनुसार दादा-परदादा के नाम जारी जमाबंदी में कई रैयत बने और बदले. ऐसे में कौन जमीन किसके जोत में है, इसका ब्योरा बनाकर अगले शिविर में किसानों को देना है. सर्वे के द्वारा लैंडकार्ड को पारदर्शी बनाया जायेगा. यह भी जानकारी दी गयी है किसानों की अगर सरकारी जमीन आपके नाम हो गयी या निजी जमीन सरकारी हो गयी हो तो अपने पक्ष में कागजात जमा करें. जिला बंदोबस्त पदाधिकारी कुमार विवेकानंद की माने तो अभी भी 80 से 85 प्रतिशत जमीन पुस्तैनी है, जो परदादा के मरने के बाद उसी परिवार में विभिन्न टुकड़ों में बंटा है. पूर्वजों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में छूट रहे पसीने

सर्वे में जो कागजातों को जमा करना है, उसमें पुस्तैनी जमीन अब भी दादा-परदादा के नाम है. उनका मृत्यु प्रमाण पत्र कागजातों के साथ जमा करना अनिवार्य है, जो बनवाने में लोग परेशान हैं. वंशावली को लेकर न्यायालय से लेकर अनुमंडल कार्यालय तक लोग भाग दौड़ कर रहे हैं. लोग चाह रहे हैं कि कम से कम समय में अधिक कागजात मिल सके. ग्राम सभा में रसीद अपडेट नहीं होने, ऑनलाइन रसीद नहीं कटने, जमाबंदी हटाये जाने, रजिस्टर टू में गलत नाम दर्ज होने, खेत की मापी गलत होने सहित कई मुद्दे खूब उठे हैं.

बेतिया राज व आम गैरमजरूआ जमीन को ले फंस सकती है पेंच

मोतिहारी. जिले के हरसिद्धि, तुरकौलिया, कोटवा, मोतिहारी, ढाका, घोड़ासहन, रक्सौल, संग्रामपुर आदापुर सहित विभिन्न प्रखंडों में बेतिया राज की जमीन पर लोग खेती कर रहे है, तो कुछ घर भी बना लिये है. वे कागजातों के आधार पर अपने जमीन का दावा कर रहे है, जबकि मोतिहारी शहरी व अन्य इलाकों में खाता दो को 22 बनाकर जमीन निबंधन कराया गया है, जिसकी जांच आज भी संचिका में है. ऐसे में इस सर्वे से सरकारी जमीन की भी पहचान होगी. कागजात न होने पर बेतिया राज व सरकारी जमीन को रैयतों को मुक्त करना होगा.

हल्का से लेकर अभिलेखागार तक लोगों की भीड़

जमीन के कागजात व वंशावली को लेकर हल्का, अंचल, भूमि निबंधन कार्यालय, सर्वे कार्यालय, सभागार, लेखागार, अनुमंडल कार्यालय, शपथकर्ता तक लगातार लोगों की भीड़ बढ़ रही है. कागजों के जानकार कार्यरत व अवकाशप्राप्त कर्मचारी, अमीन के यहां भी भीड़ है, जो मनमाना राशि लेकर मालिकों को रास्ता बता रहे है. एवज में मोटी राशि भी ले रहे है.

50-60 के बदले प्रतिदिन आ रहे 500 आवेदन

जिला अभिलेखागार में खतियान व अन्य कागजात के लिए पहले 50-60 आवेदन मिलते थे, जिसका निष्पादन एक से दो दिन में हो जाता था, लेकिन अभी सर्वे को लेकर प्रतिदिन 500-600 आवेदन आ रहे है. ऐसे में इसको पंजी में चढ़ाने, फिर प्रतिलिपि बनाने में समय लग रहा है. ऐसे में 10 से 15 दिनों में आवेदक को कागजात दे दिया जायेगा. आमलोगों की सुविधा के लिए अभी तीन काउंटर है, जिसे बढ़ाया जायेगा. कार्यालय में कर्मियों की भी संख्या बढ़ेगी, ताकि इसका निष्पादन जल्द से जल्द हो.

क्या कहते हैं अधिकारी

कागजातों की जांच भू-सर्वे अधिनियम के तहत ही होगा. गांव स्तर पर सर्वे कैंप के बाद अंचल में भी शिविर लगाये गये है. रैयतों को वंशावली के साथ अपने-अपने जमीन की विवरणी प्रपत्र में देने को कहा गया है. विवरणी मिलने के बाद सत्यापन किया जायेगा, फिर कागजात प्रमाणित होगा.

कुमार विवेकानंद, जिला, बंदोबस्त पदाधिकारी

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें