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केविवि का भवन व छात्रावास निर्माण सर्वोच्च प्राथमिकता : कुलपति

महत्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने का आठ साल का सफर पुरा होने पर गुरुवार को केविवि महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में अपना स्थापना दिवस मनाया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2024 10:18 PM

मोतिहारी.अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सफलता की अलग पहचान कायम करने वाला महत्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने का आठ साल का सफर पुरा होने पर गुरुवार को केविवि महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में अपना स्थापना दिवस मनाया. समारोह की अध्यक्षता केविवि के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने की. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो. राजेन्द्र मिश्र ””अभिराज”” तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में जय प्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रमेन्द्र कुमार वाजपेयी उपस्थित थें. अतिथियों का स्वागत कुलपति प्रो. श्रीवास्तव ने अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न, पादप, मधुबनी चित्रकला भेंट कर किया. केविवि में स्थापित होंगे अनेक नये विभाग एवं केंद्र अध्यक्षीय उद्बोधन के दौरान केविवि के कुलपति प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में अनेक नये विभाग एवं केंद्र स्थापित होंगे. हमारा प्रयास होगा अधिकांश विषयों का अध्ययन एवं शोध यहां पर हो. शोध के लिए शिक्षकों को सीड मनी की व्यवस्था से लेकर मूलभूत जरूरतों को पूरा करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है. विश्वविद्यालय के भौतिक स्वरूप में लाने की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे है. जरूरी बिल्डिंग्स निर्माण और छात्र – छात्राओं के लिए हॉस्टल का निर्माण सर्वोच्च प्राथमिकता में है.विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित एमजीसीयू न्यूज लेटर, परिसर प्रतिबिम्ब और ज्ञानाग्रह का जिक्र कुलपति ने किया. छात्रों व शिक्षकों वर्षों की त्याग-तपस्या के परिणाम स्वरूप हमें प्राप्त होता है केविवि : प्रो.क्षिति मुख्य अतिथि सह झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने कहा कि विश्वविद्यालय कोई साल-दो साल में बन जाने वाला कोई भौतिक भवन नहीं है बल्कि वहां पढ़ने वाले विद्यार्थी एवं पढ़ाने वाले शिक्षकों के वर्षों की त्याग-तपस्या के परिणाम स्वरूप हमें प्राप्त होता है. यह यहां के विद्यार्थी एवं प्रशासन को तय करना है कि क्या हम इस विश्वविद्यालय को हॉवर्ड, कैम्ब्रिज या अन्य विश्वविद्यालय बनाना चाहते हैं या फिर हम इसे महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाना चाहते हैं. हम आने वाले इतिहास में खुद को कॉपी-पेस्ट पहचान के रूप में स्थापित देखना चाहते हैं या फिर खुद को एक मानक के रूप में स्थापित देखना चाहते हैं. इसलिए अपना लक्ष्य पहचानें, अपना उद्देश्य तय करें और पूरी शक्ति के साथ उसे प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ें, मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं. चंपारण की धरती ने गांधी को महात्मा बना दिया: प्रो.राजेन्द्र संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो. मिश्र ने कहा कि चंपारण की धरती जिसने गांधी को महात्मा बना दिया. जिस धरती से जागी सत्याग्रह की चिंगारी ने अंग्रेजों के हुकूमत को जलाकर खाक कर दिया, उस धरती पर स्थापित महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय अपना 8वां स्थापन दिवस मना रहा है. इतिहास गवाह रहा है कि हमारे देश के ऋषियों, गुरुओं एवं अध्यापकों ने इस राष्ट्र की रक्षा की है और आप भी उस परंपरा को आत्मसात कर युवाओं में राष्ट्र प्रथम की भावना को जागृत करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. मुझे पूर्ण विश्वास है कि यहां से शिक्षा प्राप्त करके निकलने वाले विद्यार्थी हमारे राष्ट्र की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत एवं मूल्यों को संरक्षित करने में अपना योगदान अवश्य देंगे. सीमित संसाधनों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना अतुलनीय : प्रो. प्रेमचंद्र जय प्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रमेन्द्र कुमार वाजपेयी ने कहा कि एमजीसीयू आज अपना 8वां स्थापना दिवस समारोह मना रहा है. भौतिक संसाधनों की पूर्ण व्यवस्था ना होने के बावजूद गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में जो योगदान आप दे रहे हैं वो अतुलनीय है. स्वागत भाषण में भाषा एवं मानविकी संकाय के अधिष्ठाता सह कुलानुशासक प्रो. प्रसून दत्त सिंह ने कहा कि हम सभी का यह दायित्व बनता है कि विश्वविद्यालय को जनसरोकारों से जोड़कर इसे ज्ञान और अनुसंधान का बड़ा केंद्र बनायें.समारोह में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकों, अधिकारियों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति थी. आभार ज्ञापन अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. बिमलेश कुमार सिंह एवं सफल संचालन सहायक प्रोफेसर डॉ. उमेश पात्रा ने की. अतिथियों ने किया ””एमजीसीयू न्यूज लेटर”” का विमोचन केविवि के आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय की छमाही पत्रिका ””””””””एमजीसीयू न्यूजलेटर”””””””” का विमोचन केविवि के कुलपति व अतिथियों ने किया.पत्रिका की सराहना करते हुए कुलपति प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों को देश के विभिन्न अकादमिक और अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं तक पहुँचाना इस न्यूज लेटर का प्रमुख उद्देश्य है. पत्रिका के संपादक डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र ने बताया कि इस पत्रिका में विश्वविद्यालय की जनवरी से जून तक की सभी गतिविधियों, कार्यक्रमों, उपलब्धियों आदि का विवरण दिया गया है. यह द्विभाषी और छमाही है जिसमें विश्वविद्यालय के समाचार और शिक्षकों के शोध, महत्वपूर्ण संगोष्ठी में सहभागिता, प्लेसमेंट आदि को अंतर्वस्तु के रूप में शामिल किया गया है जनसम्पर्क प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ. श्याम नन्दन ने बताया कि पत्रिका को देश के विश्वविद्यालयों और महत्वपूर्ण अकादमिक संस्थाओं तक पहुँचाने का लक्ष्य जनसम्पर्क प्रकोष्ठ की ओर से निर्धारित है.विमोचन के अवसर पर एमजीसीयू न्यूजलेटर के सलाहकार समिति के सदस्य प्रो. प्रसून दत्त सिंह, प्रो. शिरीष मिश्रा, प्रो. रणजीत कुमार चौधरी, पत्रिका के संपादक डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र, संपादन मंडल के सदस्य डॉ. अंजनी कुमार झा, डॉ. श्याम नंदन, कुलसचिव सह प्रकाशक डॉ. सचिदानन्द सिंह, डॉ. उमेश पात्रा, डॉ. सुनील दीपक घोड़के, सुश्री शेफालिका मिश्रा आदि मंच पर उपस्थित थें.

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