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स्पीड रडार गन रोकेगी वाहनों की रफ्तार, बॉडी वाॅर्न कैमरे से होगी जांच

जिले में यातायात व्यवस्था की निगरानी के लिए ट्रैफिक पुलिस को नये तकनीक वाले हाइटेक उपकरणों से लैस किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 23, 2024 10:23 PM

सच्चिदानंद सत्यार्थी, मोतिहारी. जिले में यातायात व्यवस्था की निगरानी के लिए ट्रैफिक पुलिस को नये तकनीक वाले हाइटेक उपकरणों से लैस किया जा रहा है. हाल ही में पुलिस मुख्यालय से स्थानीय ट्रैफिक पुलिस को बॉडी वॉर्न कैमरा और लाइट स्टॉक उपलब्ध कराया गया है, बॉडी वॉर्न कैमरे में वीडियो के साथ वॉयस रिकार्डिंग की भी सुविधा है. वाहन जांच के वक्त ट्रैफिक पुलिस इसका उपयोग करेगी. वहीं लाइट स्टीक का उपयोग ट्रैफिक पोस्ट पर रात के वक्त वाहनों की गति नियंत्रित करने के लिए किया जायेगा. स्पीड रडार गन के माध्यम से सड़क पर गुजर रहे हर वाहनों की गति को माप सकते हैं. यदि कोई तय गति से तेज वाहन चलाता है तो उस पर यातायात कानून के तहत मौके पर ही कार्रवाई होगी. इसके अलावे शहर कचहरी,आरओबी मोड़ आदि पर क्लोज सर्किट कैमरा भी स्थापित किया गया है. इससे वाहनों की आवाजाही पर पुलिस के पैनी नजर रहेगी. पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि ट्रैफिक दुरुस्त करने की दिशा में निरंतर कार्रवाई जारी है. सड़क पर अधिकतम 40 तो किसी पर 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार निर्धारित है. कई गाड़ियों इससे तेज गति से चलती है. स्पीड रडार गन की मदद से गाड़ियों की रफ्तार चेक की जाएगी और मौके पर पर ही वाहन मालिकों पर कार्रवाई होगी. वहीं बाॅडी वाॅर्न कैमरा ट्रैफिक पुलिस को मिला है. यह पुलिसकर्मियों की हर गतिविधि को रिकॉर्ड करेगा, चालान काटने के दौरान या किसी से बातचीत की पूरी जानकारी इसमें रिकॉर्ड होगी. कई लोग पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाते हैं. इस कैमरे की मदद से सारी घटना दोबारा से देखी जा सकेगी. ट्रैफिक पुलिस को प्रदान किये गये नये आधुनिक उपकरण के उपयोग से काम काज में पारदर्शिता आयेगी. तेज रफ्तार से भगाया वाहन तो सुबूत के साथ पकड़ेगी लेजर स्पीड गन राष्ट्रीय राजमार्ग हो या स्टेट हाइवे, तय सीमा से अधिक गति में फर्राटा भरना भारी पड़ेगा. दिन हो या रात, ओवर स्पीड वाहन एक किमी दूर से ही पकड़ में आ जायेंगे. इस बात का सुबूत भी होगा कि वह मानक से कितना अधिक तेज चल रहे थे. अभी तक ओवर स्पीड वाहन पकड़े जाने पर चालक पुलिस से उलझ जाते थे कि रफ्तार तेज नहीं थी. ट्रैफिक पुलिस के पास कोई साक्ष्य नहीं होता था कि वह वाहन की गति तेज साबित कर पायें. इससे निजात दिलाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने ट्रैफिक पुलिस को लेजर स्पीड गन से लैस करने का निर्णय लिया है. आधुनिक तकनीक से लैस यह लेजर स्पीड गन 1000 मीटर की दूरी तक वाहनों की गति माप लेगी. यदि कोई तय गति से तेज वाहन चलाता है तो उस पर यातायात कानून के तहत मौके पर ही कार्रवाई होगी. लेजर गन में चिप लगी हुई है, जो वाहन की तस्वीर को खींचने के साथ उसकी गति का पता लगाने के बाद उसकी रसीद तक जारी कर देता है. क्या कहते हैं अधिकारी. ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए ट्रैफिक जवान व अधिकारियों को आधुनिक जांच मशीन से लैस किया गया है. भविष्य में और सुविधायें दी जायेगी. आगे बगैर कागजात के संचालित ई रिक्शा, टेंपो,के साथ नाबालिग चालकों पर भी कार्रवाई की जायेगी. स्वर्ण प्रभात, एसपी,पूर्वी चंपारण

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