मोतिहारी.पूर्वी चंपारण जिले में मनरेगा योजना के तहत घोड़ासहन से एक बड़ी गड़बड़ी सामने आयी है, जहां जेसीबी से कार्य कराकर मजदूरों का फोटो पीएसआर द्वारा अपलोड़ किया गया है. मामले में पीओ की भूमिका भी संदिग्ध है. मामला विजयी पंचायत व आसपास का है. उक्त पंचायत में नाला उड़ाही की योजना में जेसीबी से कार्य कराने की शिकायत पर मामले की जांच स्वयं डीडीसी समीर सौरभ ने की. जांच व कार्रवाई के बाद मनरेगा योजना में गड़बड़ी को ले जिलाभर में हड़कंप मचा हुआ है. पीओ द्वारा जो प्रतिवेदन दिया गया, वह भी संतोषजनक नहीं था. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उक्त पंचायत में योजना कोड संख्या 0513013- आईसी-20433291 योजना विजयी गांव में अख्तर हुसैन अंसारी के खेत से पश्चिम जाने वाली नाला उड़ाही का कार्य था, जिसका एजेंसी पंचायत समिति है. मामले को गंभीरता से लेते हुए डीडीसी ने व्यय की गयी राशि को एक सप्ताह के अंदर पीओ को जमा कराने का निर्देश दिया है. वहीं दूसरी योजना उक्त पंचायत के चकदाहा गडहा उडाही कार्य में एनएमएमएस के माध्यम से 19 जून को योजना में मजदूरों की रैंडम जांच की गयी. पाया गया कि योजना में तीन मास्टर रोल क्रमश 288, 2882 व 2883 में कुल 24 मजदूर दर्ज है. अपलोड फोटो में दो मास्टर रोल 2881 व 2883 में में एक फोटो अपलोड किया गया है. दोनों फोटो वास्तविक न होकर फोटो से फोटो अपलोड किया गया है, जो पीएसआर द्वारा लिया गया था. डीडीसी ने पीआरएस से दो दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है. जवाब संतोषजनक नहीं पाये जाने पर सेवा समाप्त किया जा सकता है. डीडीसी के इस आदेश से गड़बड़ी करने वालों में हड़कंप है. क्या कहते हैं अधिकारी मनरेगा योजना हो या किसी भी तरह की विकास योजना गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी पीओ को निर्देश दिया गया है कि जेसीबी से कही काय्र की सूचना मिलती है तो त्वरित कार्रवाई करे. पीआरएस की गतिविधियों पर भी नजर रखें. घोड़ासहन का मामला अजूबा है. कार्रवाई तय है. समीर सौरभ,डीडीसी, पूचं.
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