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सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रतिबंधित दवाओं के क्रय-बिक्री पर रखें नजर

जिलाधिकारी ने प्रतिबंधित दवाओं की जांच लगातार करने का निर्देश दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 1, 2024 10:05 PM
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मोतिहारी. नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकटॉपिक सब्सटेंस के संबंधी दवाओं के क्रय-विक्रय के नियम एवं उससे होने वाले कुप्रभाव के संबंध में अधिकारियों के साथ डीएम सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में राधाकृष्णनन भवन में बैठक की गयी, जिसमें जिलाधिकारी ने प्रतिबंधित दवाओं की जांच लगातार करने का निर्देश दिया. साथ ही नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में दवा के अवैध क्रय-विक्रय पर कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सभी दवा दुकानों की जांच करे, जिससे यह पता चल सके कि प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री दवा की दुकानों में ना हो, जिसका प्रयोग नशा के लिए किया जा रहा है. उन्होंने एमवीआई को निर्देश दिया कि उत्पाद विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न कांडों में पकड़े गये वाहनों का मूल्यांकन करे, ताकि वाहनों की नीलामी हो सके. बैठक में औषधि नियंत्रण प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में ड्रग इंसपेक्टर विकास शरोमणि ने सभी बिन्दुओं पर ड्रग एंड कॉस्टमेटिक एक्ट के नियमों की जानकारी दी गयी. बताया कि नारकोटिक ड्रग्स के अंतर्गत आने वाले दवाओं में कुछ जीवन रक्षक दवाएं भी होती है. बताया कि पूर्व में किये गये जांच में जिले में कई प्रकार के दवा में निर्माण संबंधी त्रुटियां पायी गयी थी, जिसे प्रतिबंधित कर दिया गया.कहा कि नीमुस्लाइड, एसिक्लोफिनेक, डाइक्लोफिनेक, केटोप्रोफिनेक आदि मिश्रित दवाओं का प्रयोग पशुओं पर किया जा रहा है. जिसका काफी कुप्रभावत है. पंक्षियों की जो जातियां आज विलुप्त के कगार पर है जैसे नीलकंठ, गिद्ध आदि पर भी इन्हीं दवाओं का कुप्रभाव है. यह दवाई पशुओं में कई बीमारियों को जन्म देती है. बैठक में उपविकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी, डीसीएलआर, डीपीआरओ, ड्रग इंसपेक्टर, मद्य निषेध पदाधिकारी एवं जिला खनिज विकास पदाधिकारी मौजूद थे.

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