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कुश का शव बनाकर किया जा रहा दाह-संस्कार

उन गांव में जहां मृतकों का घर है वहां पर उनके परिजनों के द्वारा कुश का शव बनाकर अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

रक्सौल. चितवन में भूस्खलन के कारण हुए बस हादसा मामले में छह दिन का वक्त बीत चुका है. बस में सवार कुल 65 लोगों में से 15 का शव मिला है, बाकी लोग अब भी लापता है. अब उनलोगों के परिवार के लोग जिनके अपने इस बस हादसे में अपनी जान गंवा चुके हैं, उनके सब्र का बांध टूट रहा है. मृतकों के अपने लोग अब इस बात की उम्मीद छोड़ चुके हैं कि शव भी मिलेगा. जिसके बाद अब उन गांव में जहां मृतकों का घर है वहां पर उनके परिजनों के द्वारा कुश का शव बनाकर अंतिम संस्कार किया जा रहा है. बारा जिला के परसौनी गांवपालिका वार्ड नंबर 1 नकटुवा निवासी 48 वर्षीय ताराचंद पटेल व उनकी 43 वर्षीय पत्नी कुसमी देवी का शव नहीं मिलने के बाद बुधवार को उनके परिवार के लोगों ने रीति रिवाज के अनुसार कुश का शव बनाया और दाह संस्कार किया. एक ही पचाठी (शव ले जाने वाले साधन) पर दोनों दंपति का शव रखकर त्रिवेणी नदी स्थित चटियाबाबा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया है. मृतक ताराचंद पटेल के पुत्र मदन पटेल के द्वारा कुश में मुखाग्नि देकर दाह संस्कार किया गया. इसके साथ ही, मदन पटेल के द्वारा माता-पिता के नाम पर 13 का श्राद्ध कर्म भी लिया गया है. मृतक ताराचंद के भाई रमेश पटेल ने बताया कि ताराचंद पटेल उनकी पत्नी कुसमी देवी के साथ गुरुवार की रात वीरगंज से एंजल बस में सवार होकर अपने दमाद से मिलने काठमांडू जा रही थे. परसौनी गांवपालिका के अध्यक्ष विनोद प्रसाद जायसवाल ने दुर्घटना में मारे गये लोगों ने राहत स्वरूप 1-1 लाख रुपये देने की घोषणा की है.

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