जल्द ही उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता का केंद्र बन जाएगा केविवि
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय (एमजीसीयू) ने ''विकसित भारत'' पहल के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने की.
मोतिहारी.महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय (एमजीसीयू) ने ””विकसित भारत”” पहल के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने की. मुख्य अतिथि के रूप में आईपीएस और आइजी विकास वैभव उपस्थित रहे. जिन्होंने बिहार की समृद्ध धरोहर, वर्तमान चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर अपने विचार साझा किए.आइजी श्री वैभव ने चिंतन और पुनरुत्थान की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “विकसित भारत की परिकल्पना विकसित बिहार के बिना पूरी नहीं हो सकती, ” और बिहार की उस धरोहर को रेखांकित किया जिसने प्राचीन विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ी. श्री वैभव ने युवाओं से आग्रह किया कि वे बिहार की पूर्व गौरवशाली ऊंचाइयों पर ध्यान दें और समझें कि बिहार का पतन क्यों हुआ. उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्वजों के व्यापक दृष्टिकोण से प्रेरणा लेकर वर्तमान पीढ़ी को भविष्य निर्माण और राष्ट्रीय प्रगति के लिए अपनी सामूहिक ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए. कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने बिहार की समृद्ध कृषि और मछली आधारित अर्थव्यवस्था की चर्चा की, जो कभी फली-फूली थी, लेकिन शिक्षा, कानून और व्यवस्था, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में प्रणालीगत विफलताओं के कारण राज्य पिछड़ता गया. उन्होंने बिहार के उच्च शिक्षा तंत्र में सुधार के लिए व्यापक शोध की आवश्यकता पर बल दिया और कई सुधारात्मक उपायों का प्रस्ताव रखा.प्रो. श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि बिहार की प्रतिभा भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के मार्ग पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग विदेशों में बड़ी सफलताएं हासिल कर रहे हैं, लेकिन राज्य में यह प्रगति नहीं दिखती. उन्होंने आगामी परियोजनाओं जैसे रक्सौल हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि बिहार की कनेक्टिविटी में सुधार हो रहा है और इससे राज्य में नए अवसर उत्पन्न होंगे. एमजीसीयू के नए कैंपस की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि 2027 तक यह विश्व-स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित होगा. उन्होंने छात्रों से इन अवसरों का लाभ उठाने और भविष्य की जिम्मेदारियों के लिए तैयार होने का आग्रह किया.
बुद्ध परिसर के निदेशक प्रो. रणजीत चौधरी ने कहा कि विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में बुनियादी ढांचे की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्होंने विश्वविद्यालय की तेज गति से हो रही अधोसंरचना वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि एमजीसीयू जल्द ही उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता का केंद्र बन जाएगा. स्वागत भाषण में प्रो. प्रसून दत्त सिंह, मानविकी एवं भाषा संकाय के अधिष्ठाता प्रो. प्रसून दत्त सिंह ने बिहार के गौरवशाली अतीत की चर्चा करते हुए इसे भविष्य के निर्माण का आधार बताया. उन्होंने बिहार की ज्ञान, शासन और उद्यमिता में ऐतिहासिक योगदान की बात करते हुए राज्य की महत्ता पर बल दिया. प्रो. शिरीष मिश्रा,अधिष्ठाता, वाणिज्य एवं प्रबंधन विज्ञान विभाग, ने धन्यवाद ज्ञापन किया.कार्यक्रम का संचालन डॉ. उमेश पात्रा ने किया.
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