ढाका में फुलवरिया व पचपकड़ी के दो स्कूलों की भूमि बेच दी
ढाका में दो सरकारी स्कूलों की जमीन बेच देने का मामला प्रकाश में आया है. हद तो तब हो गयी जब राजस्व कर्मी, अंचल निरीक्षक व अंचलाधिकारी ने उसकी जमाबंदी भी कायम कर दी.
सिकरहना. ढाका में दो सरकारी स्कूलों की जमीन बेच देने का मामला प्रकाश में आया है. हद तो तब हो गयी जब राजस्व कर्मी, अंचल निरीक्षक व अंचलाधिकारी ने उसकी जमाबंदी भी कायम कर दी. मामले को अपर समाहर्ता ने गंभीर बताते हुए कहा है कि इसमें निबंधन कार्यालय की भूमिका के साथ अंचल से जुड़े अधिकारी व कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है. कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारियों को लिखा गया है. मामले को ढाका विधायक पवन जायसवाल द्वारा विधानसभा में भी उठाया है. क्या है फुलवरिया का मामला
ढाका प्रखंड के फुलवरिया गांव में जिस सरकारी विद्यालय को जमीन समेत बेच दिया गया, उस 11 कट्ठा 12 धुर जमीन को फुलवरिया की बासमति चौघरी ने वर्ष 1942 में स्कूल के लिए लिए मौखिक रूप से दान में दी थी. जमीन पर विद्यालय की स्थापना हुई. लेकिन, इस जमीन को बासमति चौधरी के वंशज शशि भूषण प्रसाद ने अपनी पत्नी को 2019 में जमीन को बेच दिया, जबकि उस पर स्कूल का भवन भी है. वर्ष 2021 में यह स्कूल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमित कर दिया गया था.क्या है पचपकड़ी स्कूल का मामला
कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए
ढाका के भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने बताया कि इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि उसका दाखिल खारिज भी सीओ कार्यालय से हो गया. इस मामले में संबंधित अंचलधिकारी, कर्मचारी, क्रेता और विक्रेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि इस तरह के कार्य करने वाले लोग दोबारा दुस्साहस नहीं कर सके.निबंधन और अंचल कार्यालय ने गलत रिपोर्ट लिखी
निबंधन कार्यालय और अंचल कार्यालय द्वारा गलत रिपोर्ट लिखी गयी है. उच्चतर विद्यालय, पचपकड़ी और फुलवरिया का मामला है. जो निबंधन हुआ है. वह भी सरकारी स्कूल की जमीन का हुआ है. मामले में निबंधन और सीओ कार्यालय से गलती हुई है. निर्देश मिलने के साथ राजस्व कर्मी व अन्य दोषी पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी, जिसने बगैर स्थल जांच के दाखिल खारिज की रिपोर्ट की.
मुकेश सिन्हा, अपर समाहर्ता, पूर्वी चंपारणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है