बाजार से हल्के बर्तन होंगे गायब

इस साल सितंबर से बाजार में घटिया किस्म और हल्के बर्तन बाजार में नहीं बिकेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 3, 2024 10:34 PM

मोतिहारी.रसोई घर में प्रयोग होने वाले स्टील और एल्यूमीनियम के बर्तन को क्वालिटी कंट्रोल के दायरे में लाने की सरकारी पहल से बर्तन विक्रेताओं को व्यवसाय की चिंता सताने लगी है. इस साल सितंबर से बाजार में घटिया किस्म और हल्के बर्तन बाजार में नहीं बिकेंगे, सरकार के निर्णय को देखते हुए बर्तन व्यवसायी पहले से खरीद किये गये करोड़ों के बर्तन निकालने की तैयारी कर रहे हैं. बर्तन बाजार के दुकानदारों की माने तो शहर के बाजार से महीने में औसतन एक से दो करोड़ के बर्तन की बिक्री होती है, जिसमें 75 फीसदी बर्तन हलके वजन के बिकते हैं. दुकानदारों का कहना है कि पहले किचन का बर्तन सेट एक से दो से चार हजार में हो जाता था, लेकिन नये नियम से क्वालिटी कंट्रोल वाले बर्तन भारी होंगे. इसकी कीमत 25 फीसदी अधिक होगी. इसका असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा, वहीं बर्तन व्यवसाय भी प्रभावित होगा, बर्तन व्यवसायी स्टील इम्पोरियम के रोहित साह बताते हैं कि चाली, गिलास और कटोरी का उपयोग भोजन करने के लिये होता है. लोकल मेड में हाइजेनिक प्वाईंट नहीं होते लोकल मेड पर रोक लगेगी. शहर के भारत क्राकरी के तबरेज बताते हैं कि फैक्ट्री से माल उठाने वाले अगर 45 दिन में भुगतान नहीं करते हैं तो ब्याज भी देना होगा. कि इन चीजों में ज्यादा खर्च करना नहीं चाहते, इसलिए कम कीमत की बर्तन ज्यादा बिकता है, लेकिन नये नियम से खरीदारी पर प्रभाव पड़ेगा. इससे बर्तन व्यवसाय प्रभावित होगा.नये नियम लागू होने के बाद दुकानदारों को भारतीय मानक ब्यूरो वाले बर्तन रखने होगे. बर्तन दुकानदार अभिषेक ने कहा कि बर्तन में क्वालिटी कंट्रोल का नियम उचित नहीं है. फिलहाल कम बजट में 90 रुपये में भी उपभोक्ता स्टील थाली की खरीदारी कर लेते है, लेकिन क्वालिटी कंट्रोल वाले बर्तन की खरीदारी बहुत महंगी हो जायेगी. चीन से आयात बंद होने के बाद भारतीय कंपनी क्वालिटी कंट्रोल के लिये भारी वजन के बर्तन बनायेंगी. इसकी कीमत दोगुनी भी हो सकती है. हमलोगों का व्यवसाय इससे प्रभावित होगा, कहा कि पहले क्वालिटी कंट्रोल नहीं होने से चीन से बड़े पैमाने पर स्टेनलेस स्टील के बर्तन आयात हो रहे थे, इसकी कीमत काफी कम थी, जिसके कारण घरेलू कंपनियां प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहीं थी. अब भारत की कंपनियों के प्रोडक्ट ही बाजार में होंगे, सरकार क्वालिटी कंट्रोल तो करें, लेकिन बर्तनों की कीमत लोगों के जेब के अनुरूप हो.

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