माेतिहारी. कलयुग में भागवत की कथा सुनने मात्र से हर प्राणी को मोक्ष की प्राप्ति होती है. भागवत कथा एक ऐसी कथा है, जिसे ग्रहण करने मात्र से ही मन को शांति मिलती है. भागवत कथा सुनने से अहंकार का नाश होता है. उक्त प्रवचन अमर छतौनी माई स्थान राजघाट कथा स्थल में चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिवस कथा वाचक आचार्य सुमन पांडे भारद्वाज ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर उपस्थित भक्तों से कही. कथा वाचक ने कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया. इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया. वहीं कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ दिव्य झांकी देखकर पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा. कार्यक्रम संयोजक रामाश्रय सिंह ने बताया कि कथा पंडाल में 25 किलो का लड्डू श्री बागेश्वर धाम सरकार श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी और मुस्कान सिंह के जन्मोत्सव के उपलक्ष में लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. मौके पर पूजन यजमान लाल बाबू सिंह, सुनीता कुमारी, पूर्व पार्षद अमरेंद्र सिंह ने कथा वाचक को सम्मानित किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में नवल किशोर सिंह, राकेश सिंह, लालबाबू सिंह आदि लोग उपस्थित रहे.
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