25 मई से बाजार में आयेगी लीची, आने लगी लालिमा
पूर्वी चम्पारण में 25 मई तक बाजार लीची का फल आने लगेगी. लीची की अच्छी पैदावार को देखते हुए यूपी, दिल्ली, पंजाब आदि जगहों से कमीशन एजेंट मधुबन व मेहसी में कैम्प करना शुरू कर दिया है.
मधुबन.बारिश के बाद लीची की फसल में लालिमा आने लगी है. हालांकि भीषण गर्मी के कारण लीची उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ता दिख रहा था. पूर्वी चम्पारण में 25 मई तक बाजार लीची का फल आने लगेगी. लीची की अच्छी पैदावार को देखते हुए यूपी, दिल्ली, पंजाब आदि जगहों से कमीशन एजेंट मधुबन व मेहसी में कैम्प करना शुरू कर दिया है. बिहार में कुल लीची के उत्पादन का 50 फीसदी लीची पूर्वी चम्पारण में होता है. मेहसी व मधुबन का रेड पर्पल व रेड गोल्ड ब्रांड देश में ही विदेश में भी प्रसिद्ध है.मेहसी,मधुबन,चकिया,मोतिहारी,पकड़ीदयाल,तेतरिया प्रखंड लीची उत्पादन में अग्रणी है. जिले में 15 हजार से अधिक क्षेत्र में लीची का बगीचा है. केवल मेहसी प्रक्षेत्र में 11 हजार हेक्टेयर में लीची का उत्पादन किया जाता है.जिले के 27 में 17 प्रखंडों में लीची के बगीचे हैं.जहां करीब 3.6 लाख टन का उत्पादन होता है.सीजन में करीब 100 करोड़ रूपये का कारोबार होता है.इस व्यापार में करीब 150 से 200 छोटे-बड़े करोबारी शामिल रहते हैं. गोरखपुर, कानपुर,दिल्ली व काठमांडू होती है सप्लाई छोटे-छोटे व्यापारियों से कमीशन एजेंट लीची की खरीददारी करते हैं. खरीदी गयी लीची को गोरखपुर, कानपुर, दिल्ली,लखनऊ व काठमांडू में सप्लाई की जाती है. गोरखपुर व दिल्ली के आजादपुर मंडी से देश व विदेशों में लीची की आपूर्ति की जाती है. मार्च अप्रैल के महीने व मई के प्रथम सप्ताह में भीषण गर्मी से लीची के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है.छोटे व्यापारी मो.सनाऊल्लाह ने बताया कि लीची की पैदावार पर्याप्त नहीं आयी है.जिससे लीची के भाव में तेजी रहने की उम्मीद है.
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