मोतिहारी. पटना होटल में आग लगने की घटना में छह लोगों की मौत के बाद भी शहर के होटल संचालक सबक नहीं ले रहे है. शहर के कई होटल आज भी बिना फायर हाइड्रेंट यंत्र के संचालित हो रहा है. होटल संचालक सीओटू सिलेंडर के छोटे अग्निशामक यंत्र रख खानापूर्ति कर रहे हैं, जो आग लगने की आपातकाल स्थिति में आग की भयावह स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त नहीं है. सरकारी गाइड लाइन के अनुसार बहुमंजिला इमारत जैसे होटल व व्यवसायिक भवनों में फायर हाइड्रेंट या फायर कॉक मशीन लगाने का सख्त निर्देश है. इसके बाद भी कुछेक होटल में ही फायर हाइड्रेंट यंत्र लगाये गये हैं. ऐसी स्थिति में अगर पटना और दरभंगा की घटना होती है, तो आग पर काबू पाने में काफी कठिनाई होगी और अग्निशामक वाहन पहुंचने में देर हुई, तो भारी नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. शुक्रवार को प्रभात खबर टीम ने बापूधाम मोतिहारी स्टेशन के आसपास के आवासीय होटलों का पड़ताल की. इनमें तकरीबन सभी होटल में सीओटू अग्निशामक के छोटे सिलेंडर के भरोसे ही काम चल रहा है. किसी भी होटल में फायर हाइड्रेंट मशीन नहीं लगाया गया है. स्जिअेश्लन के पास के भोजनालय तो इससे अनजान ही दिखे. अग्निशामक विभाग की माने तो शहर के तीन दर्जन से अधिक होटल, मॉल व व्यवसायिक प्रतिष्ठान को फायर हाइड्रेंट लगाने को ले नोटिस दी गयी है.
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