भारतीय संस्थागत रैंकिंग में एमजीसीयूबी 20वें स्थान पर
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भारतीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (आइआइआरएफ) 2024 में शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 20वां स्थान प्राप्त किया है.
मोतिहारी.महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भारतीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (आइआइआरएफ) 2024 में शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 20वां स्थान प्राप्त किया है. 962.47 स्कोर के साथ, विश्वविद्य्यालय ने खुद को एक अग्रणी शिक्षण संस्थान के रूप में अपनी पहचान बनायी है. यह केविवि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जिनका स्कोर 988 है, से थोड़ा ही पीछे है. यह रैंकिंग विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान नवाचार और समग्र छात्र विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है. कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि यह मान्यता हमारे पूरे विश्वविद्यालय समुदाय के लिए गौरव की बात है. यह हमारे संकाय, कर्मचारियों और छात्रों द्वारा प्रदर्शित सामूहिक मेहनत, समर्पण और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह रैंकिंग हमें हमारे प्रयासों को जारी रखने और उच्चतम शिखरों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है. कहा कि उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन: उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने और शैक्षणिक उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने पर विश्वविद्यालय का निरंतर ध्यान इस रैंकिंग को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.नवाचारपूर्ण अनुसंधान पहल: विश्वविद्यालय अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी रहा है, जो महत्वपूर्ण सामाजिक चुनौतियों का समाधान करता है.जनसंपर्क अधिकारी शेफालिका मिश्रा ने कहा “विश्वविद्यालय अपनी इस उपलब्धि के लिए अपने सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई देता है. विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता, नवाचार और सामुदायिक सेवा के मिशन के प्रति प्रतिबद्ध है और भविष्य में और भी ऊंचाइयों को छूने की आशा रखता है। हमारा उद्देश्य शैक्षिक और अनुसंधान क्षेत्र में अपने योगदान को और अधिक मजबूत करना है और छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना है.
कहते हैं कुलपति
यह रैंकिंग केविवि के सभी शिक्षकों व कर्मियों के परिश्रम का परिणाम है. कम संसाधान होने के बाद भी बेहतर परिणाम है. इस रैंकिग से हम सभी का विश्वास बढा है पर और बेहतर करने की जिम्मेवार भी बढी है.चुनौतियां आएगी पर इससे पार पाकर केविवि के विकाश की गति को बढ़ाना है ताकि केविवि अपने कैंपस को मूल रूप दे सके .
प्रो. संजय श्रीवास्तव,कुलपति केविवि,मोतिहारी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है