अधिकांश राजकीय नलकूप बंद
माॅनसून के इंतजार में किसान परेशान हैं. जबकि प्रखंड के सभी राजकीय नलकूपों से खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है.
मधुबन. माॅनसून के इंतजार में किसान परेशान हैं. जबकि प्रखंड के सभी राजकीय नलकूपों से खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. प्रखंड के 50 राजकीय नलकूपों में पांच नलकूपों का कमांड एरिया पहले ही खत्म हो चुका है. शेष बचे 45 में 6 नलकूपों भी मृतप्राय घोषित होने के इंतजार में है. नलकूप विभाग के दावों में 15 राजकीय नलकूप चालू है. 24 नलकूप अब भी बंद है. सरकार द्वारा राजकीय नलकूप के रखरखाव व सुचारू संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के मुखिया को सौंपा गया था. वह भी वर्तमान समय में सफल होता नहीं दिख रहा है. प्रकृति के कोप के साथ सरकारी तंत्र की उदासीनता की मार झेलने के लिए किसान विवश है.धान की खेती के समय बारिश नहीं हो रही है.तो वहीं दूसरी ओर नलकूप बंद है. 15 नलकूपों से खेत तक चैनल के अभाव में नहीं पहुंच रहा पानी: नलकूप विभाग द्वारा दी गयी सूची के अनुसार प्रखंड के बंजरिया फेज 8, बंजरिया पूर्वी फेज 3, बंजरिया पश्चिमी फेज 3, मोहनवा पुराना,इनरवा पुराना, गुरमिया पुराना, दुलमा पुराना, बाकी टीकम, माधोपुर पुराना, कसबा पुराना, गुलाबखान पुराना, माधोपुर पुराना 2, माधोपुर पुराना 8 चालू है. इन सभी चालू नलकूप के चैनल ध्वस्त होने के कारण किसानों के खेत पानी नहीं पहुंच पा रहा है. छह अनुमंडल में एक एसडीओ, 27 प्रखंड में 5 जेई: 27 प्रखंड व छह अनुमंडल वाले पूर्वी चम्पारण जिले में एक एसडीओ व 5 जेई के भरोसे नलकूप विभाग सीजन नलकूप चालू करने की कवायद कर रहा है.जिसका नतीजा सिफर है.एक जेई को छह को छह प्रखंड का प्रभार देकर कार्य कराया जा रहा है. क्या कहते हैं अधिकारी: तकनीकी कारणों,चैनल के अभाव व आपरेटर के कमी के कारण नलकूप बंद है. जिन मुखिया के द्वारा कार्य नहीं कराया जा सका है. उनसे राशि वापस लेने व विभाग अपने स्तर नलकूप चलाने की तैयारी कर रहा है. प्रमोद कुमार, कनीय अभियंता, नलकूप विभाग
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